धनबाद: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने अपना 53वां स्थापना दिवस 4 फरवरी को धनबाद के ऐतिहासिक गोल्फ ग्राउंड में बड़े ही धूमधाम से मनाया। इस भव्य आयोजन में हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता, समर्थक और नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम में बाघमारा के निवासी एवं जेएमएम समर्थक श्री डब्लू महथा अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुष्पगुच्छ देकर भव्य स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने विधायक श्री मथुरा प्रसाद महतो, केंद्रीय सदस्य अमित सहाय सहित अन्य प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। झारखंड आंदोलन के संघर्ष से अबुआ सरकार तक! इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के संघर्ष, बलिदान और सफलता की गाथा को दोहराते हुए कहा: “झारखंड मुक्ति मोर्चा का स्थापना दिवस केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि हमारे संघर्ष, बलिदान और संकल्प का प्रतीक है। गरीब-गुरबों, दलितों और वंचितों की आवाज बनकर हमने महाजनी प्रथा के खिलाफ विद्रोह किया और झारखंड की अस्मिता के लिए संघर्ष किया। दिशोम गुरु शिबू सोरेन हमारे पथप्रदर्शक बने, जिन्होंने झारखंड को एक नई पहचान दी और अलग राज्य के सपने को साकार किया।” उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता की ताकत और विश्वास की बदौलत अबुआ सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। हमने झारखंड के विकास और जनकल्याण के लिए पूरी निष्ठा से काम किया है, और भविष्य में भी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए जेएमएम प्रतिबद्ध रहेगा।

डबल इंजन सरकार पर निशाना मुख्यमंत्री ने पूर्व की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा: “जब पूरा देश कोविड जैसी महामारी से जूझ रहा था, तब झारखंड में हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया कि कोई भी भूखा न सोए। लेकिन डबल इंजन सरकार के दौर में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं थी। उस समय भूख से हुई मौतें इस बात की गवाही हैं कि सत्ता में रहते हुए उन्होंने झारखंड के असली निवासियों की तकलीफों को कभी नहीं समझा।” उन्होंने आगे कहा कि डबल इंजन सरकार ने झारखंड के विकास की गाड़ी नहीं चलाई, बल्कि प्रदेश को लूटने का काम किया। लेकिन झारखंड की जनता ने उनके छलावे को पहचान लिया और झामुमो को सेवा करने का अवसर दिया। आगे की राह – झारखंड का उज्ज्वल भविष्य हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में कहा: “हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। झारखंड को उसके हर हक और अधिकार दिलाना है, इसे विकास और आत्मनिर्भरता की नई ऊँचाइयों तक ले जाना है। इसके लिए हम सभी को एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। अबुआ सरकार झारखंड की अस्मिता और अधिकार की रक्षा के लिए हमेशा संघर्ष करती रहेगी!”