श्री राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर हजारीबाग में महोत्सव | 

श्री राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर हजारीबाग में महोत्सव | 

श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के शुभ अवसर पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, मालवीय मार्ग, हजारीबाग में यह दिवस महोत्सव के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माननीय प्रधानाचार्य संजीव कुमार झा ने दीप प्रज्वलन ,भारत माता पूजन, एवं भगवान श्री राम के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। तत्पश्चात रामचरितमानस का सस्वर पाठ किया गया। कक्षा नवम के भैया – बहनों ने भगवान श्री राम , माता सीता , कौशल्या, कैकेई, सुभद्रा,राम भक्त हनुमान एवं रावण के वेश में एक सुंदर एवं आकर्षक नाटक की प्रस्तुति की। इस अवसर पर भैया- बहनों ने भगवान रामचंद्र जी की जीवनी पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। अपने आशीर्वचन में प्रधानाचार्य श्रीमान संजीव कुमार झा ने कहा कि भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते हैं। उन्होंने अपने कर्मों के द्वारा संपूर्ण विश्व को विश्व बंधुत्व की भावना,प्रेम,सहनशीलता , न्याय एवं सत्य के राह पर चलने का संदेश दिया। उन्होंने संपूर्ण मानव के समक्ष एक आदर्श पिता ,एक आदर्श राजा एवं एक आदर्श भ्राता के रूप में अपने आप को स्थापित किया।

भगवान श्री राम एक आदर्श राजा थे और उन्होंने सत्य ,दया, करुणा ,धर्म और मर्यादा के मार्ग पर चलकर राज किया ।उन्होंने अपने जीवन का हर पल मर्यादा में बिताए। उन्होंने अपने आचरणों से हर किसी के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। वनवास के दौरान उन्होंने भारत भर में भ्रमण किया और लोगों को सत्य,प्रेम ,मर्यादा और सेवा का संदेश दिया ।उन्होंने सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाने के लिए रामसेतु बनाया था।आगे उन्होंने कहा कि लगभग 500 वर्षों के कठिन त्याग, तपस्या और संघर्ष के बाद प्रभु श्री राम के जन्मस्थली अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ। यह सभी सनातनियों के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने उपस्थित भैया – बहनों को प्रभु श्री राम के जीवनी से सीख लेते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी आचार्य बंधु/ भगिनी ने अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया।

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