माननीय राज्यपाल ने दी शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा को श्रद्धांजलि | 

माननीय राज्यपाल ने दी शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा को श्रद्धांजलि | 

धनबाद के जांबाज एसपी “अशोक चक्र” शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के 34 वें शहादत दिवस पर रणधीर वर्मा चौक में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में माननीय राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार, माननीय राज्यसभा सदस्य श्री दीपक प्रसाद, माननीय सांसद धनबाद श्री ढुलू महतो, माननीय विधायक धनबाद श्री राज सिन्हा, माननीय विधायक झरिया श्रीमती रागिनी सिंह, पूर्व विधायक झरिया ,पूर्णिमा नीरज सिंह, जिला परिषद की माननीय अध्यक्ष श्रीमती शारदा सिंह, उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा, वरीय पुलिस अधीक्षक हृदीप पी जनार्दनन सहित अन्य पदाधिकारियों ने शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल ने कहा कि शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के जीवन मूल्यों का आत्मसात करना चाहिए। युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। माननीय राज्यपाल ने कहा कि शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा ने स्वामी विवेकानंद के संदेश को जीवंत रखा है। उनकी शहादत ने साबित किया है कि राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। जिस तरह से उन्होंने अदम्य साहस और समर्पण से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए आतंकवादियों से मुकाबला कर उनके षड्यंत्र को नाकाम कर दिया, वह गौरवशाली इतिहास बनकर रह गया।

माननीय राज्यपाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने भी बलिदानियों को राष्ट्र का गौरव बताया है। वहीं शहीद रणधीर वर्मा प्रसाद वर्मा मेमोरियल सोसायटी ने इतने सालों से उनकी शौर्य गाथा को जीवंत रखा है, यह अच्छी परंपरा है। यह युवाओं को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यसभा के माननीय सदस्य श्री दीपक प्रकाश ने कहा कि शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा पूरे देश के लिए आदर्श है। उन्होंने अपनी जान की कुर्बानी देने में कदम पीछे नहीं हटाए। जब तक इतिहास रहेगा देश उनको याद करते रहेगा। उन्होंने कहा कि शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा समाज की तकलीफ को अपनी तकलीफ समझते थे। उनके व्यक्तित्व में एक अधिकारी के साथ एक संवेदनशील इंसान भी था। समारोह को सांसद ढुलू महतो, विधायक राज सिन्हा, शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की धर्मपत्नी सह पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रोफेसर रीता वर्मा ने भी संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के जांबाज अधिकारी और धनबाद के 41वें पुलिस अधीक्षक शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा 06.08.1989 से 03.01.1991 तक धनबाद के एसपी रहे। उन्होंने 3 जनवरी 1991 को धनबाद के हीरापुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया को लूटने आए खालिस्तानी आतंकवादियों से जूझते हुए वीरगति को प्राप्त किया। महामहिम राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य, बहादुरी और बलिदान के लिए वीरता का सर्वोच्च पदक “अशोक-चक” से सम्मानित किया था। महामहिम उपराष्ट्रपति ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से।

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