ईसीएल के केंदा एरिया अंतर्गत सालडांगा फुटबॉल मैदान प्रांगण में दीसोम आदिवासी गौता की ओर से सालडांगा के ग्रामीणों को पुनर्वासित करने की मांग पर सभा का आयोजन किया।सभा के दौरान सैकड़ो की संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।सभा के दौरान दीसोम आदिवासी गौता के राज्य अध्यक्ष रोबिन सोरेन,जिला अध्यक्ष दिलीप सोरेन,राज्य सर्वेक्षक बुबन माड्डी,आदिवासी नेता जलधर हेमब्रम राजेश टुडू,सुनील टुडू,देवश्री टुडू,मिथुन बाउरी,सोमाई सोरेन आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।सभा को संबोधित करते हुए राज्य अध्यक्ष रोबिन सोरेन ने कहा कि सालडांगा आदिवासी पाड़ा के पास न्यू केंदा ओपन माइंस से ब्लास्टिंग हो रही है जिससे यहां के ग्रामीणों के घर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि दो दिन पहले सालडांगा निवासी महिला सुनीता ओलिवर के घर में धसान की घटना घटित हुई है।

उन्होंने कहा कि ईसीएल प्रबंधन द्वारा जबरन आदिवासियों की जमीन को अपना बताकर अधिग्रहण किया जा रहा है जबकि सालडांगा गांव के आदिवासी डेढ़ सौ सालों से यहां रह रहे है।उन्होंने कहा कि सालडांगा में आदिवासियों की तीन पीढ़ियां निवास कर चुकी है जबकि कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण 1971 से शुरू हुआ था एवं ईसीएल की स्थापना 1975 में हुई है।सभा के दौरान आदिवासी नेता जलधर हेमब्रम ने कहा कि जमीन के बदले ईसीएल प्रबंधन द्वारा जो मुआवजा देने की बात कही जा रही है वह ग्रामीणों को स्वीकार नहीं है।उन्होंने कहा कि आदिवासी ग्रामीणों को जबरन हटाया गया तो सैकड़ों आदिवासी परिवार बेघर हो जाएंगे जिसके खिलाफ दीसोम आदिवासी गौता वृहद आंदोलन करेगा।उन्होंने कहा कि ईसीएल प्रबंधन को सालडांगा आदिवासी पाड़ा के ग्रामीणों को उचित मुआवजा देने के साथ साथ सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास करना होगा।