एसडीओ पर पत्नी की हत्या का आरोप, सीबीआई जांच की मांग |

एसडीओ पर पत्नी की हत्या का आरोप, सीबीआई जांच की मांग |

हजारीबाग के पूर्व सांसद और सी पी आई के वरिष्ठ नेता भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने अपने आवास पर प्रेस वार्ता आयोजित किया. इ इस प्रेस वार्ता में सी पी आई एम के के जिला सचिव गणेश कुमार सीटू, सी पी आई के सहायक जिला सचिव निजाम अंसारी, वरिष्ठ अधिवक्ता शंभू कुमार और खतीयानी परिवार के मोहम्मद हकीम भी शामिल थे. सर्वप्रथम उन्होंने विश्व के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनने के पहले केंद्र सरकार के आर्थिक सलाहकार, योजना आयोग के सदस्य, आरबीआई के गवर्नर रहने के बाद उन्होंने देश के वित्त मंत्री बने और 2004 में वामपंथियों के सहयोग से बनी सरकार मैं देश के प्रधानमंत्री बने. इस सरकार ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत मनरेगा, आरटीआई, फूड सिक्योरिटी एक्ट जिसके तहत आज मोदी सरकार 80 करोड लोगों को फ्री अनाज दे रही हैं, जंगल के जमीन पर बसे आदिवासी और गैर आदिवासी को 10 एकड़ जमीन मिले इसके लिए वन अधिकार अधिनियम और 1894 में बने जमीन अधिग्रहण कानून के बदले नया जमीन अधिग्रहण कानून 2013 बनाया. हजारीबाग शहर में एक बड़ी घटना घटी है हजारीबाग सदर के अनुमंडल अधिकारी के सरकारी आवास में उनकी पत्नी गंभीर रूप से जल गई

थाने को बिना सूचना दिए वें अपनी पत्नी को लेकर शहर स्थित आरोग्यम अस्पताल और फिर वहां से बोकारो स्टील सिटी का अस्पताल और फिर वहां से रांची के मेडिका और उसके बाद राँची के ही देव कमल अस्पताल ले गए. इस दरमियान एसडीओ ने कहीं पर भी अपनी पत्नी का बयान पुलिस को दिलवाना उचित नहीं समझे और अंत में 70% जली उनकी पत्नी की मौत अस्पताल में हो जाता है तब राँची पुलिस शव को अपने कब्जे में ले कर पोस्टमार्डम करवाता है. इस मामले को लेकर एसडीओ के साले राजू कुमार गुप्ता ने लोहसिंघना थाना में अपनी बहन की हत्या जलाकर करने का एक केस किया है बावजूद उसके आज तक थाने द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया गया है. थाने में मामला दर्ज करवाने के लिए भी राजू कुमार गुप्ता को काफी मस्कत करनी पड़ी यहाँ तक कि शव को लेकर थाने के सामने धरना देना पड़ा . सदर एस डी ओ का व्यवहार से ऐसा लगता है कि इन्होंने जानबूझकर अपनी पत्नी को मारने के लिए जला दिया और अपने बचने के लिए इन्होंने बुझाने का नाटक करते हुए अपने हाथ को भी जला लिया. यह बहुत ही खतरनाक बात है और इसका प्रभाव समाज में बहुत ही गलत पड़ेगा. जब पढ़ा लिखा एक प्रशासनिक अधिकारी अपनी पत्नी को इस तरह जला कर मार सकता है तो समाज में क्या संदेश जाएगा? इसलिए प्रेस वार्ता के माध्यम से हम जिला प्रशासन से मांग करते हैं की तत्काल उन्हें गिरफ्तार किया जाए और पूरे मामले का जांच सीबीआई से करवाई जाए तथा एस डी ओ का प्रभार तत्काल किसी अधिकारी को दिया जाय ताकि रूटीन वर्क होता रहे.

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