बिहार में बेरोजगारी के कारण छात्रों में गुस्से का माहौल बन गया है। खासकर बीपीएससी (Bihar Public Service Commission) की परीक्षा को लेकर छात्रों ने उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका आरोप है कि परीक्षा में कई खामियां हैं और इस कारण परीक्षा को फिर से कराए जाने की मांग की जा रही है।बिहार में छात्रों का विरोध प्रदर्शन अब तेज़ हो चुका है। छात्रों का कहना है कि बीपीएससी की परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के कारण उनका भविष्य खतरे में है और इसीलिए वे चाहते हैं कि सरकार परीक्षा को फिर से आयोजित करे। छात्रों ने कई जगहों पर सड़कें जाम की और प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि BPSC की परीक्षा में पारदर्शिता की कमी है, और यह न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रही है, बल्कि पूरे शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी मांग को नहीं माना गया तो उनका विरोध और भी उग्र हो सकता है। आंदोलन में शामिल एक

छात्र ने कहा: “हम चाहते हैं कि हमारी मेहनत का सही मूल्यांकन हो, और हमें न्याय मिले। अगर परीक्षा फिर से नहीं कराई जाती तो हम अपने संघर्ष को और तेज करेंगे।” लेकिन, बिहार की नीतीश सरकार ने अभी तक इस मामले में कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है। सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इस पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वहीं, राजनीतिक दल भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। विपक्ष ने सरकार पर छात्रों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है। बिहार के छात्रों की इस उग्र प्रदर्शन ने एक बार फिर बेरोजगारी और सरकारी परीक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर किया है। सवाल यह उठता है कि क्या सरकार छात्रों की इस मांग को स्वीकार करेगी, और कब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।