राऊ के औद्योगिक क्षेत्र पिगडंबर में लेसोडिन बनाने के नाम से बहुत बड़ा खेल चल रहा है जिसमे टेलो नामक रसायन मिलाया जाता है और ये टेलो जानवरो की चर्बी से बना होता है, इसके टेंकर को आधी रात के बाद खाली की जाती है और बताया जाता है कि इसे चॉकलेट बनाने के काम में लिया जाता है, हमारी टीम से यहां के कर्मचारी द्वारा फोन पर मालिक अशोक मंघारामानी ने किसी जैन साहब से बात करवाई, जब टेलो के बारे मे टीम ने बताया तो जैन कहते हैं कि हमारे यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं मिलाया जाता है और जब पुछा गया कि ये ड्रम भरकर कहां जा रहे है और ये किस काम मे आता है तो कहने लगे ये तो मुर्गी दाना बनाने के काम में आता है और जब भयंकर बदबु व गंदगी के बारे में टीम ने बात की तो कहने लगे कि एक दो महीने में हम फैक्ट्री खाली ही कर रहे है और कहने लगे कि मैं आकर मिलता हूँ और फिर फोन काट दिया, सवाल ये है कि जानवरो की चर्बी से बना रसायन चॉकलेट बनाने के काम में लिया जाता है और ऐसी भयंकर गंदगी से कितनी लोगो की जिंदगी से खेला जा रहा है कितने लोगो का धर्म भ्रष्ट किया जाता है.. क्या निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम भी ऑखे बंद कर ऐसे लोगों का साथ दे रही है या ऐसे लोग लाखो रुपए कमाने के लालच मे सबकी ऑखो में धुल झोक रहे है,,, शासन प्रशासन सिर्फ चालानी कार्यवाही करके इस खेल से इतिश्री ना करे बल्कि ऐसी फैक्ट्री को सील करने की कार्यवाही करे, और लोगो के साथ इतना बड़ा धोखा होने से बचाये।
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