सेल के जीतपुर कोलयरी में पर्यावरण स्वकृति नहीं मिलने के कारण प्रत्येक माह 6 हज़ार टन का नुकसान हो रहा है | लगभग अब तक 40 हज़ार टन का नुकसान हो चूका है| जीतपुर कोलयरी में 6 महीना से कोयले का उत्पादन ठप पड़ा है ठेका मजदूर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है| असंगठित मजदूर मोर्चा के बैनर तले 17 को प्रबंधक के खिलाफ होगा प्रदर्शन |प्रदर्शन के दौरान प्रबंधन कार्य का किये जायेगे बहिष्कार | जीतपुर कोलियरी के आस पास के लोग भी इस प्रदर्शन में होंगे शामिल कोलयरी का उत्पादन बंद होने से अगल बगल के छोटे मोटे दुकान पर बहुत बुरा असर पड़ा है लोग काफी परेशान है प्रबंधक की लापरवाही के कारण उत्पादन बंद है प्रबंधक चाहती तो कब का स्वीकृति मिल गई होती जीतपुर के सभी अधिकारी को उत्पादन से कोई लेना देना नहीं है उन्हे तो प्रत्येक माह सैलेरी मिल जाती है उत्पादन नहीं तो अधिकारी का पेमेंट भी नहीं मिलनी चाहिए कई बार प्रबंधक से इसकी लिखित शिकायत की जा चुकी है लेकिन आज तक कोई करवाई नहीं की गयी है| ठेका मजदूरों की मांगो को हमेशा नज़र अंदाज़ किया गया है मजदूर को सभी सुविधा से वंचित रखा जाता है सेल के और सभी कोलयरी में ठेका मजदूरों को सारी सुविधा दी जाती है | लेकिन जीतपुर कोलयरी को ही वंचित रखा जाता है | इस बार आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी प्रदर्शन को लेकर घर घर जा कर अपनी मांगो को लोगो तक पहुचाने का कार्य किया जा रहा है | सरकारी प्रक्रिया मे हो रही विलंब एचएन शर्मा | महाप्रबंधक जीतपुर कोलयरी पर्यावरण स्वीकृति को लेकर जीतपुर प्रबंधक एच एन शर्मा ने कहा की स्वीकृति प्राप्त करने मे समय लगता है सरकारी नियम के हिसाब से चलना पड़ता है ठेका मजदूर भी हमारे परिवार में से है लगभग पर्यावरण स्वीकृति का काम पूरा हो चूका है झारखण्ड रांची पर्यावरण विभाग कार्यालय में पेपर रुका हुआ है जल्द ही कोलयरी का उत्पादन चालू हो जायेगा
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