एक प्रभावशाली होटल मालिक पर दिन-दहाड़े जंगल के बीच जलाशय भरने का आरोप लगा है. राज्य सड़क के किनारे जंगल के बीच इस जलाशय में राख डंप करने की शिकायत है.शिकायत दुर्गापुर कांकसा के बेलडांगा चौराहे के पास गौतम धीबर नाम के होटल मालिक के खिलाफ है.गौरतलब है कि बेलडांगा मोड़ के पास जंगल के बीच में एक विशाल बांध है, कथित तौर पर बांध के किनारों को काटकर धीरे-धीरे राख से भरा जा रहा था, सूचना मिलने पर कांकसा के भू-राजस्व विभाग के अधिकारी पहुंचे और अवैध काम बंद करा दिया, लेकिन तब तक राख विशाल जलाशय में गिर चुकी थी, जिससे पानी प्रदूषित हो गया। कांकसा भूमि राजस्व विभाग और स्थानीय प्रशासन ने होटल मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई किए बिना, उक्त व्यक्तिको इनाम के रूप में सात दिनों के भीतर जलाशय को उसकी मूल स्थिति में वापस करने का आदेश दिया और बाद में, गौतम धीबर नाम के होटल मालिक को मंजूरी दे दी कि इस जलाशय को पर्यटन केंद्र के रूप में व्यवस्थित करे. हालाँकि प्रभावशाली होटल मालिक गौतम धीबर पर जलाशय को मोड़कर एक आलीशान घर बनाने का आरोप लगाया गया था।

लेकिन उसके खिलाफ कई बार कांकसा ब्लॉक प्रशासन के अधिकारियों से लिखित शिकायत करने के बावजूद ब्लॉक प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया, तो क्या आरोपी होटल मालिक गौतम धीबर बहुत प्रभावशाली है? यदि सत्तारूढ़ पार्टी के कांकसा ब्लॉक के प्रशासनिक अधिकारियों का हाथ नहीं होता तो वह दिन के उजाले में सार्वजनिक रूप से ऐसा कर सकते थे?भाजपा के पूर्वी बर्दवान संगठनात्मक जिले के उपाध्यक्ष रमन शर्मा ने कांकसा भूमि राजस्व विभाग से स्थानीय बीडीओ को शिकायत लिखी. बेलडांगा के पास विशाल बांध के जलाशय में दिन में पानी कम होने के आरोप को लेकर कई दिनों से इलाके में हंगामा मचा हुआ है. सवाल उठाया गया है कि भू-राजस्व विभाग लिखित शिकायत के बावजूद बिना कोई कानूनी कार्रवाई किये अज्ञात रहस्यमय कारण से सिर्फ सात दिनों में जलाशय को उसकी मूल स्थिति में लौटाने की घोषणा कर चुप क्यों बैठ गया. अब देखने वाली बात यह है कि क्या कांकसा ब्लॉक के अधिकारी और प्रशासन इस प्रभावशाली होटल व्यवसायी गौतम धीबर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे या चुप बैठेंगे।