ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी के तीन क्यूब सैटेलाइट्स, बाइनर-2, 3 और 4, धरती की निचली कक्षा में सौर फ्लेयर के कारण जलकर खत्म हो गए। इन्हें 6 महीने के लिए भेजा गया था, लेकिन ये केवल 2 महीने ही टिक पाए। इस समय सूरज अपने सोलर मैक्सिमम फेज़ में है, जिसमें ज्यादा गर्मी, रेडिएशन और सौर तूफान होते हैं। इन गतिविधियों के चलते सैटेलाइट्स पर सीधा असर पड़ता है, जिससे वे वायुमंडल में प्रवेश कर नष्ट हो जाते हैं। सोलर मैक्सिमम 2019 में शुरू हुआ था और इसके कारण नॉर्दन लाइट्स जैसी गतिविधियां भी ज्यादा दिखती हैं।
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