शहर के मालवीय मार्ग स्थित राणी सती मंदिर में रविवार देर शाम भव्य महाआरती के साथ दो दिवसीय मार्गशीर्ष महोत्सव ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुआ। भक्ति और आस्था से सराबोर इस आयोजन में श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ शामिल हुए। महोत्सव के दूसरे दिन रविवार सुबह पाटा पूजन और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। इसके बाद संध्या में मंदिर के प्रधान पुजारी शशिकांत मिश्रा ने विधिवत पूजा-अर्चना करवाई इसके पश्चात भव्य महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें तेरह सुहागन महिलाओं ने सामूहिक रूप से दादी की महाआरती की। इसके बाद भक्तों के बीच भक्ति और उल्लास का माहौल देखने को मिला। महाआरती की समाप्ति पर भक्तगण दादी के भजनों पर झूम उठे। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों ने भजनों की मनमोहक प्रस्तुति दी, जिनमें चुनरी ओढ़ के आई दादी म्हारी नैया पार लगा दे, और जय-जय राणी सती जैसे भजनों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
भजनों की धुन पर तेरह सुहागन महिलाओं ने भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने माहौल को और अधिक भक्तिमय बना दिया। राणी सती मंदिर में हर वर्ष मार्गशीर्ष महोत्सव बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस बार भी भक्तों ने पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ आयोजन को सफल बनाया। गुलाबी ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं की उत्साह चरम पर था। मौके पर दादी भक्तों ने कहा ने राणी सती की असीम कृपा और आशीर्वाद से यह आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ। भक्तों ने कामना की दादी का आशीर्वाद सभी पर बना रहे और सभी के जीवन में सुख-समृद्धि लाए। इस दो दिवसीय कार्यक्रम ने सभी दादी भक्तों के बीच आस्था और समर्पण की अद्वितीय मिसाल पेश की।