महाकाल का दरबार सज चुका है। उज्जैन एक बार फिर रंगीनियों से सराबोर है। देश के इतिहास में कई बार सज चुका उज्जैन एक बार फिर इतिहास बनाने के मुहाने पर खड़ा है। उज्जयिनी और अवंतिका के रूप में देश की सभ्यता और संस्कृति में अहम भूमिका निभा चुका यह शहर मंगलवार यानी आज एक बार फिर दीवाली मनाएगा। अपने विहंगम और विस्तृत रूप में महाकाल लोक तैयार है। वही सभी को इंतजार है उस पल का जब देश के प्रधानमंत्री आज उज्जैन पहुंचेंगे और महाकाल लोक के पहले चरण का लोकार्पण करेंगे। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के बाद देश के एक और ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर का नया रूप निखर गया है। बता दे की प्रधानमंत्री आज शाम नए डेवलप किए गए ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण करेंगे। महाकाल परिसर को 856 करोड़ रुपए की लागत से डेवलप किया जा रहा है। दो फेज का यह प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद 2.8 हेक्टेयर में फैला महाकाल परिसर सैतालिस हेक्टेयर का हो जाएगा। इसमें 946 मीटर लंबा कॉरीडोर है, जिस पर चलकर भक्त गर्भगृह तक पहुंचेंगे। PM मोदी शाम 6.30 बजे 200 संतों की मौजूदगी में जब महाकाल लोक का लोकार्पण करेंगे, तो 200 आमंत्रित संत यहां मौजूद होंगे। गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति करेंगे। मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, केरल समेत 6 राज्यों के कलाकार इस दौरान प्रस्तुति देंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 40 देशों में होगा। सुरक्षा के लिए BDS की 12 टीम समेत 6 हजार जवान तैनात हैं। वहीं, PM की सुरक्षा में तैनात SPG की टीम भी इंदौर और उज्जैन पहुंच चुकी है। बताते चले की महाकालेश्वर मंदिर भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।[1] यह मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित, महाकालेश्वर भगवान का प्रमुख मंदिर है। पुराणों, महाभारत और कालिदास जैसे महाकवियों की रचनाओं में इस मंदिर का मनोहर वर्णन मिलता है। स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर महादेव की अत्यन्त पुण्यदायी महत्ता है। इसके दर्शन मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है, ऐसी मान्यता है की महाकवि कालिदास ने मेघदूत में उज्जयिनी की चर्चा करते हुए इस मंदिर की प्रशंसा की है।
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