आपको बता दू की आज भी औरंगाबाद में एक ऐसी सड़क है जिसे आज मौत की सड़क कहा जाता है.जी हा हम बात कर रहे है औरंगाबाद से बालूगंज जाने वाली सड़क की जिसकी बदहाली देख कर रूह काप जाती है यह सड़क औरंगाबाद के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र होते हुए झारखंड राज्य से जोड़ती है इसी सड़क पर कटैया गांव के पास राम रेखा नदी के ऊपर 30 वर्ष पुरानी बनी पुल आज मौत का पुल बन गया है. शाम ढलते ही इस पुल पर मौत के देवता का राज हो जाता है और अंधेरे के कारण उस रास्ते से आने जाने वाले लोग उनके शिकार हो जाते है आज तक तकरीबन 30 लोगों की जान इस पुल से गिरने के कारण चली गई है क्योंकि इस पुल की चौड़ाई महज 10 फिट है जिसकी लंबाई तकरीबन 50 मीटर से ऊपर है यह पुल पूरी तरह से प्लेट नुमा बना हुआ है इसके बगल से कोई रेलिंग नही दिया गया है जिसके कारण रात्रि के अंधेरे में अक्सर लोग पुल से नीचे गिर जाते है आज सैकड़ों लोग इसका शिकार हो चुके है जिसमे कई दर्जन लोग की मौत भी होगी है जिसको लेकर आज ग्रामीणों ने पुल के पास प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन तथा बिहार सरकार से पुलिया की चौड़ी करण का मांग किया है जब इस मामले पर पथ निर्माण विभाग के अधिकारी से बात किया गया तो उसने मामले को संज्ञान में आने की बात कही है और उसने यह भी बताया की छठ पर्व के पहले इस पुलिया का रेलिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा वही उसने चौड़ी करण करनी की बात पर बताया की हमने प्राक्कलन तैयार कर बिहार सरकार को अग्रसारित कर दिया है जैसे ही सुकृति मिल जाती है वैसे ही नई पुलिया का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।
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