वाराणसी के जिला कारागार में निरुद्ध गोकुल जायसवाल की अचानक मौत हो गयी। पुलिस ने शव को पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल में शव को रखकर परिजनों को सूचना दिया।
जब परिजन मौके पर पहुंचे तो उन्हें सांत्वना देने की जगह पुलिस उन्हें गालियां देते हुए मारने-पीटने लगी।
प्रदेश में पुलिस हिरासत और जेल में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
जिला कारागार में आखिर इस व्यक्ति की मृत्यु कैसे हुई? इसकी जांच होनी चाहिए।
ऐसी मौतों से पुलिस लगातार सवालों के काठघड़े में आ रही है लेकिन वो जवाब देना ही नहीं चाहती, ना ही शासन के लोग इस मामले पर बोल रहे हैं।