रानीगंज के बल्लभपुर इलाके में दामोदर नदी से अवैध बालू खनन को लेकर तृणमूल कांग्रेस की आपसी गुटबाजी एक बार फिर सामने आई है।आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों के बीच चल रही आपसी खींचतान ने अब भयंकर रूप धारण कर लिया है। यह पार्टी के भीतर वर्चस्व की लड़ाई और क्षेत्र में अवैध बालू और कोयला सिंडिकेट पर नियंत्रण को लेकर विवाद है। हालात इस हद तक बिगड़ गए कि दो गुटों के बीच मारपीट शुरू हो गई, जिससे रानीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बल्लवपुर फांड़ी इलाके में तनाव फैल गया. इसके बाद रानीगंज थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी और पुलिस ने जांच शुरू कर दी. पूरे इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए गश्त बढ़ा दी है. वही इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आसनसोल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने तृणमूल कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि इलाके में अवैध बालू और कोयला सिंडिकेट को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता आपस में भिड़े हुए हैं. यह वर्चस्व की लड़ाई है, जहां हर नेता इस अवैध कारोबार से होने वाले मुनाफे में हिस्सा पाने के लिए लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि तृणमूल के भीतर चल रहे इस तरह के विवाद से जनता में गलत संदेश जा रहा है और लोग देख रहे हैं कि कैसे पार्टी के नेता
सार्वजनिक सेवा के बजाय निजी हितों में लगे हुए हैं. अग्निमित्रा पाल ने यह भी कहा कि तृणमूल के इस व्यवहार से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी की प्राथमिकता केवल सत्ता हासिल करना और अवैध लाभ उठाना है. दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के राज्य के नेता वी शिवदासन दासू ने इस विवाद में भाजपा के आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की आलोचना करने से कोई गुरेज नहीं है. उन्होंने स्वीकार किया कि थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है और पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही है. दासू ने आगे कहा कि पार्टी इस मामले में पूरी तरह सतर्क है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने साफ किया कि पार्टी को बदनाम करने की कोशिश करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. संगठन अपनी छवि की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद तृणमूल कांग्रेस के दोनों गुटों के नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ शीर्ष नेतृत्व का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों समूह अपना पक्ष रख रहे हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नेतृत्व उनके पक्ष में निर्णय ले। माना जा रहा है कि यह विवाद जल्द सुलझता नहीं दिख रहा है और इससे पार्टी में गहरी दरार का खतरा बढ़ सकता है। इस पूरी घटना को लेकर इलाके के लोग भी चिंतित हैं. आम लोगों को डर है कि इस आपसी टकराव के कारण इलाके का विकास कार्य और शांति भंग हो सकती है. जनता को उम्मीद है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता इस विवाद को सुलझाएंगे और क्षेत्र के विकास पर ध्यान देंगे।