मन की भावना और परिस्थितियों की अभिव्यक्ति है सुआ नृत्य। आपको बता दे की सुआ नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य की स्त्रियों का एक प्रमुख पर्व है, जो कि समूह में किया जाता है। स्त्री मन की भावना, उनके सुख-दुख की अभिव्यक्ति और उनके अंगों का लावण्य ‘सुवा नृत्य’ या ‘सुवना’ में देखने को मिलता है उक्त बातें आज ग्राम मुढ़ीपार जिला बलौदाबाजार में आयोजित सुआ नृत्य प्रतियोगिता कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के आसंदी से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री गौरीशंकर अग्रवाल जी ने व्यक्त किया। उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए आगे कहा कि‘सुआ नृत्य’ का आरंभ दीपावली के दिन से ही हो जाता है इसके बाद यह नृत्य अगहन मास तक चलता है सुआ का तात्पर्य तोता नामक पक्षी है और सुआ गीत मूलत: गोंड आदिवासी नारियों का नृत्य-गीत है जिसे सिर्फ स्त्रियाँ ही गाती हैं। वही पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के ग्राम में पहुंचने पर ग्रामवासियों द्वारा फुल माला आतिशबाजी के साथ भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश मंत्री श्रीमती श्याम बाई साहू, जिला मंत्री श्री राजकुमार साहू, ग्राम के सरपंच श्रीमती धन पटेल, जिला पंचायत के सदस्य श्री नवीन मिश्रा, मंडल अध्यक्ष श्री कृष्ण कुमार पटेल, सहित भारी संख्या में ग्रामवासी गण उपस्थित थे।
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