छठ पूजा की तैयारियों के बीच जब हम बालू लाइन बस्ती के छठ तालाब पहुंचे, तो स्थिति बेहद चिंताजनक थी। तालाब के चारों ओर की सभी नालियाँ सीधे इसमें खुलती हैं, जिससे यह जलकुंभी और गंदगी से भर गया है। तीन साल पहले तक इस तालाब में धूमधाम से छठ पूजा मनाई जाती थी, लेकिन अब यहाँ केवल गिने-चुने लोग ही पूजा करने आते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि चुनाव के समय कई नेता यहाँ आते हैं, आश्वासन देते हैं कि तालाब का सौंदर्यीकरण करेंगे, लेकिन ये वादे ठंडे बस्ते में चले जाते हैं। जब हमने नगर निगम के
सुपरवाइजर से होल्डिंग टैक्स के बारे में पूछा, तो पता चला कि यहाँ के लोग टैक्स नहीं दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह नगर निगम की नाकामी है। छठ पूजा, जो बिहारियों की आस्था का केंद्र है, आज एक गंदगी के सागर में तब्दील हो चुका है। स्थानीय लोगों की निराशा स्पष्ट है। वे चाहते हैं कि सरकार और प्रशासन इस तालाब की स्थिति को सुधारें ताकि पुनः यहाँ छठ पूजा का आयोजन हो सके।