झारखंड की पहली 8 लेन सड़क को एक बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को, धनबाद के झारखंड मोड़ के पास, यह नवनिर्मित सड़क अचानक धंस गई। हालांकि, किसी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है, लेकिन इस घटना ने राज्य के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सड़क हाल ही में 461.90 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई थी और इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। लेकिन उद्घाटन के मात्र 21 दिन बाद ही सड़क का धंस जाना एक बड़ी चिंता का विषय है। सड़क का एक बड़ा हिस्सा लगभग 8-10 मीटर के गड्ढे में समा गया। सड़क के धंसने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं: निर्माण में खामियां: हो सकता है कि सड़क के निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता खराब हो, या फिर निर्माण प्रक्रिया में कहीं कोई कमी रह गई हो। मिट्टी की समस्या: हो सकता है कि जिस जगह पर सड़क बनाई गई थी, वहां की मिट्टी की गुणवत्ता कमजोर हो और बारिश या अन्य कारणों से वह धंस गई हो।
डिजाइन में खामी: हो सकता है कि सड़क का डिजाइन ही खराब हो और वह भारी वाहनों के भार को सहन करने में असमर्थ हो। जल्दबाजी में काम: हो सकता है कि सड़क को जल्दी से जल्दी बनाने के चक्कर में गुणवत्ता को नजरअंदाज किया गया हो। क्या हैं इस घटना के मायने: बुनियादी ढांचे की कमजोरी: यह घटना राज्य के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जनता का विश्वास कमजोर: इस घटना से जनता का सरकार और प्रशासन पर से विश्वास कम हो सकता है। आर्थिक नुकसान: सड़क को फिर से बनाने में काफी खर्च आएगा, जिससे राज्य के खजाने पर बोझ पड़ेगा। यातायात व्यवस्था प्रभावित: सड़क के धंसने से उस क्षेत्र में यातायात व्यवस्था बाधित होगी। आगे का रास्ता: इस घटना की गहन जांच की जानी चाहिए ताकि इसके पीछे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। धनबाद में हुई यह घटना एक बड़ी चेतावनी है। हमें अपने बुनियादी ढांचे के निर्माण में गुणवत्ता और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। प्रस्तुत है सहयोगी प्रभात पांडे के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से।