प्राचीन सिंगारन नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग को लेकर सिंघारन नदी बचाव कमेटी द्वारा पथ सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान कमेटी की ओर से जामुड़िया के तपसी इलाके स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुछ देर तक पथावरोध किया गया। उनकी मांग है कि नदी को तत्काल उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए। इस संदर्भ मे जामुड़िया के पूर्व विधायक धीरज लाल हजरा ने कहा कि इससे पहले सिंहरान नदी को बचाने के लिए कई बार आवेदन निवेदन किया गया लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ इसलिए आज सिंहरान बचाओ और विज्ञान मंच द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करके विरोध प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि जिन कारखाना मालिकों ने नदी को घेर लिया है जिससे की नदी का स्वाभाविक गति रुक गया है उनको तुरंत नदी को नदी के स्वाभाविक स्वरूप में लौटना होगा जिससे कि इस नदी को बचाया जा सके इसी मुद्दे पर आज रोड जाम किया गया
उन्होंने कहा कि प्रशासन को भी इस बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है और प्रशासन के कानों तक यहां के लोगों की आवाज को पहुंचाने के लिए ही आज यह रोड जाम किया गया है । वही नदी बचाओ कमेटी के कन्वीनर अजीत कुमार कोड़ा ने बताया कि नदी को संरक्षित करने की जरूरत है नदी तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन संरक्षित रहेंगे तभी मानव सभ्यता आगे बढ़ सकती है लेकिन जिस तरह से यहां के कुछ कारखाना मालिकों द्वारा नदी को घेर लिया गया है जिससे नदी पर काफी प्रतिकूल असर पड़ रहा है जिसका सीधा असर यहां के पर्यावरण पर पढ़ रहा है इसी मुद्दे पर आज यह रोड जाम किया गया उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के जरिए प्रशासन तक यहां के लोगों की बात पहुंचाने की कोशिश की जा रही है ताकि प्रशासन कारखाना मालिकों को नदी के साथ छेड़खानी करने से रोके और जहां पर भी नदी के साथ छेड़खानी की गई है नदी को घेरा गया है उसको मुक्त किया जाए।।