बिहार के आरा के रहने वाले एक इंजीनियर ने पानी पर तैरने वाला घर बनाया है, जो हर साल आने वाली बाढ़ से प्रभावित नहीं होगा। बाढ़ आने पर यह घर डूबने के बजाय तैरने लगेगा। इस घर को गंगा नदी के रास्ते बक्सर से पटना तक ले जाया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि यह 15 अक्टूबर तक पटना पहुंच जाएगा। क्या है घर की खासियत? प्रशांत ने लगभग 1 हजार स्क्वायर फीट में ये घर बनाया है।
इस घर को पानी में तैरने के लिए 108 वेस्ट घरेलू ड्रम का इस्तेमाल किया गया है। प्रशांत कुमार और उनकी टीम ने इस घर को बनाने के लिए मिट्टी, घास-फूस, सुरकी-चूना, बांस और कचरे से बनी चीजों का इस्तेमाल किया है। यह कम लागत वाली देशी तकनीक से बनाया गया है, ताकि लोग आसानी से अपने लिए ऐसे घर बना सकें। इसमें मानव मल को पानी और गैस में बदलने की भी व्यवस्था की गई है, जिससे इसे और अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनाया गया है। यह घर सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडा रहता है।