मुफ्लिसी व गुरबत के दौर से निकल कर समाजसेवा को अपना मुकाम बनाने वाले पाकुड़ के लुत्फुल हक को बीते दिनों दुबई के फाइव स्टार होटल में वर्ष का सबसे बड़ा प्रेरणादायक अवार्ड देकर उनके फर्श से लेकर अर्श तक की अब तक की यात्रा को सलाम किया गया । पत्थर व्यवसायी व समाजसेवी लुत्फुल हक को यह सम्मान संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री व मुख्य अतिथि डाक्टर मोहम्मद सईद अल किंदी, भारत के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभू, बिहार के कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी, दुबई के अध्यक्ष व सी ई ओ चेंबर मोहम्मद अली रशीद लूटाह एवं बालीवुड के मशहूर पार्श्वगायक कुमार सानू के हाथों से दिया गया। अतिथियों ने अपने सम्बोधन में कहा की भारत के सुदूर छोर में बसा झारखंड राज्य के पाकुड़ शहर के लुत्फ़ल हक ने नेकनियती व मानवीय मूल्यों के आधार पर जाति मजहब जैसी संकीर्ण मानसिकता से उपर उठकर गरीबों की सेवा की है वे वाकई काबिल ए तारीफ है। बिना कोई भेदभाव और निःस्वार्थ से काम करना अपने आप में मिशाल क़ायम है । गौरतलब हो कि दुबई के पांच सितारा होटल में इंडो अरब लीडर्स समिट एंड अवार्ड 2024 का कार्यक्रम आयोजित किया गया था,जिसमें भारत के विभिन्न राज्यों के पचास लोगों को सम्मानित किया गया । इसमे भारत के मशहूर डॉक्टर, व्यवसायी, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता, वैज्ञानिक व इंजीनियर को सम्मानित किया गया ।
अवार्ड मिलने के बाद समाजसेवी लुत्फ़ल हक़ ने मीडिया को बताया की प्रतिदिन दर्जनों फरियादी आते है जिन्हें खाली हाथ नहीं लौटाया जाता है। उन्होंने बताया कि यदा-कदा पैसे ना होने की स्थिति में वे दूसरे से मदद लेकर गरीबों की मदद करते हैं । उन्होंने अपने संदेश में कहा कि आज उन्हें जो देश के साथ साथ विदेश में भी सम्मान मिल रहा है वो उन्हीं अच्छे कर्मों का फल है। विदित हो कि लुत्फ़ल हक़ पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमा पर बसे ओदित्य नगर के एक गरीब परिवार से संबंध रखने वाले हैं । परिवार की आर्थिक तंगी के कारण लुत्फ़ल हक़ बंगाल छोड़कर झारखंड आ गए जहां उन्होंने परिवार चलाने के लिए एक छोटी सी किताब की दुकान की जबकि लुत्फ़ल हक शिक्षा से महरूम रहे हैं। परिवार की मुफ्लिसी ने इनको पत्थर व क्रशर मजदूर बनने पर बाध्य कर दिया लेकिन अपनी मेहनत, ईमानदारी व प्रचंड जिजीविषा के बल पर आज ये पाकुड़ सबसे बड़े पत्थर व्यवसायी हैं और झारखंड सरकार के सबसे अधिक करदाताओं की श्रेणी में शुमार हैं । बताते चलें कि पिछले डेढ़ वर्ष से पाकुड़ रेलवे स्टेशन पर इनके द्वारा गरीब और जरूरतमंदो को निःशुल्क भोजन कराया जाता है । पाकुड़ वासियों ने कोरोना काल में भी इनकी दरियादिली देखी थी जब इनके द्वारा वैसे दुर्भिक्ष में भी राशन, ऑक्सीजन सिलिंडर बांटने का काम किया था।