जमुई (झाझा): थानाक्षेत्र के डुमरहार गांव की रहने वाली सुकरी देवी (35) की प्रसव के बाद मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने पिपराडीह स्थित बालाजी इमरजेंसी अस्पताल के पास जमकर हंगामा किया। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और सड़कों पर प्रदर्शन किया। प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती सुकरी देवी के पति तुलसी राय ने बताया कि गुरुवार की रात करीब 9 बजे अपनी गर्भवती पत्नी को बालाजी इमरजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया कि चिंता की कोई बात नहीं होगी और 37 हजार रुपये की मांग की, जिस पर उन्होंने 30 हजार रुपये जमा किए। रात 11:30 बजे सुकरी देवी का ऑपरेशन हुआ और एक पुत्र का जन्म हुआ। ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत ऑपरेशन के कुछ समय बाद सुकरी देवी की हालत अचानक बिगड़ गई। उसने पेट में तेज दर्द और सूजन की शिकायत की। इस पर डॉक्टर ने सलाह दी कि उसे देवघर स्थित उनके बड़े अस्पताल में ले जाया जाए। उन्होंने एक एंबुलेंस मंगवाई और तुलसी राय अपनी पत्नी को लेकर सुबह 4 बजे देवघर के लिए रवाना हुए। देवघर पहुंचते ही महिला की मौत देवघर
पहुंचने पर सुकरी देवी की मौत हो गई। तुलसी राय के अनुसार, बालाजी इमरजेंसी अस्पताल का कर्मी, जो उनके साथ गया था, बिना कुछ कहे मौके से भाग गया। सुकरी देवी की मौत के बाद अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया। परिजनों और ग्रामीणों का हंगामा घटना की जानकारी मिलने पर सुकरी देवी के परिजन और स्थानीय ग्रामीण अस्पताल पहुंचे। पूर्व पंसस मनोज कुमार ने बताया कि उन्हें पहले ही महिला की स्थिति नाजुक बताई गई थी, लेकिन डॉक्टरों ने भरोसा दिया कि मरीज को देवघर ले जाने से उसकी जान बचाई जा सकती है। आक्रोशित भीड़ ने किया प्रदर्शन मृतका की भाभी ने बताया कि सुकरी देवी को आशा कार्यकर्ता सुशीला देवी के कहने पर निजी अस्पताल लाया गया था। मौत की खबर मिलते ही परिजनों और ग्रामीणों की भीड़ अस्पताल के बाहर इकट्ठा हो गई। एक तरफ नवजात बच्चा परिजनों की गोद में था, तो दूसरी ओर उसकी मां का शव पास में रखा हुआ था। मृतका का 12 वर्षीय बेटा सौरव और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।