मामला तोपचांची के चित्तरपुर पंचायत के मंझलाडीह गांव के एक तीस वर्षीय प्रवासी मजदूर गिरधारी महतो की महाराष्ट्र में मौत हो गई, वह रक्षा बंधन के बाद घर से गया था टावर लाइन में काम करने के लिए ताकि दुर्गा पूजा में अपने घरवालों की खुशी में शामिल हो कर एक साथ त्योहार मनाए, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर थी वहां हादसे में उसकी मौत हो गई, ठेकेदार का प्रतिनिधित्व करने आए लोगों ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर किसी रेल गाड़ी से टकरा कर उसकी मौत हुई है उसका शव भी रेल ट्रैक पर पाया गया. इधर शनिवार की सुबह जैसे ही एंबुलेंस से उसका शव गांव पहुंचा पूरे गांव में मातम पसर गया, कंपनी से मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों ने एंबुलेंस से शव उतारने से मना कर दिया, इधर गिरधारी की मौत की सूचना जैसे ही फैली पूरे इलाके से कई जनप्रतिनिधि, समाजसेवी मंझलाडीह पहुंचने लगे और कम्पनी के प्रति रोष प्रकट करते हुए मुआवजे की मांग उठने लगी।
कंपनी वाले के द्वारा पचास हजार मुआवजा देने की बात पर ग्रामीण भड़क गए इसके बाद कंपनी वाले तीन लाख तक देने की बात कही मगर ग्रामीणों की मांग थी कि तीन अबोध बच्चे , मृतक की विधवा और एक बूढ़ी मां है इसलिए ग्यारह लाख का मुआवजा मिलनी चाहिए। मौके पर जेबीकेएसएस/जेएलकेएम के कई नेता मृतक के घर के बाहर पहुंच कर संवेदना प्रकट करते हुए मुआवजे की बात पर अड़े थे. मौके पर सांसद प्रतिनिधि संतोष महतो, विधायक प्रतिनिधि जगदीश चौधरी, प्रमुख आनंद महतो, मुखिया सीताराम महतो, जेबीकेएसएस के तुलसी महतो, जगदीश महतो, आजसू के बिंदेश्वर महतो, रामसेवक, मधु महतो, महेंद्र महतो सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे. जब बात नहीं बनी तो ग्रामीण तोपचांची थाना पहुंचे और थाना प्रभारी, बीडीओ,सीओ,प्रमुख,विधायक प्रतिनिधि,झारखंड मंत्री बेबी देवी के पुत्र राजू महतो सहित कई लोगों के बीच 6 लाख 25 हजार रुपए पर सहमति बनी,जिसके बाद ग्रामीण शांत हुए.