कोलियरी में अब कोयला नहीं रंगदारी है। पहले लिंकेज से कोयला मिलता था। प्रक्रिया सरल थी। कोयल का दाम भी फिक्स था। कोल इंडिया और बीसीसीएल की ई-ऑक्शन पद्धति से कोयला उद्योग में क्रंदन है। उपरोक्त बातें धनबाद के पूर्व सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने शुक्रवार को इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन की 91वीं वार्षिक आम सभा में बतौर मुख्य अतिथि कही। सांसद ने कहा कि ई-ऑक्शन का कोयला महंगा और चोरी का कोयला सस्ता है। इसका यहां की अर्थ व्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। वहीं विधायक राज सिन्हा ने कहा कि वर्तमान सरकार में बालू, लोहा, कोयला और तेल चोरी संगठित अपराध हो गया है। वार्षिक आम सभा में इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बी.एन. सिंह ने हार्ड कोक उद्योग के लिए फ्यूल सप्लाई एग्रीमेंट सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। सरकार को इस दिशा में सोचना चाहिए। आज भी उद्योग को आवश्यकता अनुरूप गुणवत्ता और मात्रा में कोयला नहीं
मिलता। जो इस उद्योग के लिए मुख्य चुनौती है। कहा संगठन ने विगत 91 वर्ष में कई चुनौतियां का धैर्य और बहादुरी से सामना किया है। यह राष्ट्रीय महत्व का उद्योग है। देश की आत्मनिर्भरता बढाने का काम करते हैं। एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि जब तक हार्ड कोक उद्योग को कोटा से कोयला मिलता था तब तक एक छटाक कोयला की चोरी नहीं होती थी। बल्कि अब जगजाहिर है कि ई-ऑक्शन में 60% चोरी हो रही है। कार्यक्रम में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रतनलाल अग्रवाल, डॉ प्रमोद पाठक, रमेश गुटगुटिया, केदारनाथ मित्तल, इंदर मोहन मेनन, योगेन्द्र नाथ नरुला के अलावा एसोसिएशन के प्रदीप चटर्जी, चिन्मय महाथा सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। प्रस्तुत है पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से