शान्ति भवन में छाया अशांति का माहौल। इन दिनों धनबाद के बैंक मोड़ स्थित शांति भवन,जिनमे अलग अलग कई अपार्टमेंट बने हुए हैं और जिनमे लगभग 175 परिवार फ्लैट में रहते हैं इन दिनों आपसी कलह, आरोप प्रत्यारोप और अतिक्रमण को लेकर सुर्खियों में है। नव निर्वाचित सोसाइटी के अध्यक्ष और सचिव का कहना है की पिछली सोसाइटी ने मनमाने ढंग से सोसाइटी का शोषण किया पिछले छः वर्षों से सोसाइटी में चुनाव करवाए बगैर खुद ही सभी फ्लैट में रहने वालो से मेंटेनेंस वसूलते रहे और कोई काम नही किया गंदगी का अंबार जैसे के तैसे लगा रहता है कई भवन भी टूटे हुए हैं, फ्लैट निवासियों को सुविधा के नाम पर ठेंगा दिखाया गया जबकि मेंटेनेंस के नाम पर 175 फ्लैट से 2bhk से साढ़े तीन हजार रुपए और 3bhk se 5 हजार रुपए प्रति माह लेते रहें। यही नहीं पदाधिकारियों ने छत और ग्राउंड फ्लोर में अतिक्रमण कर अपने मन के मुताबिक दीवारें भी खड़ी कर रखी है और नियम के विरुद्ध कमरे का निर्माण भी किया है। हद तो तब हो गई जब छत जो की सार्वजनिक है उसे अपना बताकर गेट में ताला जड़ दिया गया और लोगो को छत पर चढ़ने से रोका गया। पीने का पानी की टंकी जो की छत पर ही है अर्थात जहां से गोदावरी अपार्टमेंट के सभी लोगो को पानी सप्लाई की जाती है , छत पर ताला जड़ दिए जाने से दो दिनों तक लोगो को बिना पानी के ही गुजारा करना पड़ा तब लोगो ने पुलिस को शिकायत किया जिससे पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों को उक्त स्थान पर आना पड़ा। और मामले में संज्ञान लेना पड़ा। लोगो ने आवेश में आ कर छत के गेट को तोड दिया और दीवार को भी तोडा।
जब newz India 24 की टीम ने दूसरे पक्ष से बात करनी चाही तो पूर्व अध्यक्ष आलोक जी का कहना है की अभी वे आउट ऑफ स्टेशन है 24 सितंबर तक आ पाएंगे जिनके ऊपर अतिक्रमण करने और छत पर ताला जड़ने की बात मौजूदा कमिटी ने कही उस मनोहर सोनी जी का कहना है की वे पांच साल पहले ही कमिटी से हट गए थे और जिस छत के दरवाजे में उन्होंने ताला जड़ा या जो दिवारे उन्होंने उठवाई वो वे 20 वर्ष पहले ही बिल्डर से खरीद चुके थे जो की उनकी व्यक्तिगत प्रॉपर्टी है और जिसके सारे दस्तावेज भी उनके पास मौजूद हैं। बैंकमोड थाना प्रभारी लव कुमार ने फिलहाल घटना स्थल पर पहुंच कर पहल करते हुए सभी को पानी सप्लाई चालू करवा दिया और लोगो को कोर्ट से मामले को सुलझाने के लिए निर्देश दिया । शांति भवन के विवाद ने नगर निगम की पोल भी खोल दी है लोगो का कहना है कि शांति भवन के कई अपार्टमेंट जिसकी चौथी मंजिल तक बनाने की ही परमिशन थी वो पांचवी मंजिल तक कैसे बनी? देखिए पंकज सिन्हा की यह रिपोर्ट धनबाद के शांति भवन से।