आज दिनांक 8 सितंबर को विश्व भारतीय जनसेवा संस्थान के सचिव नागेंद्र कुशवाहा ने जो कि सहारा इण्डिया के 13 करोड़ पीड़ित जमाकर्ता एवम कार्यकर्ता के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सहारा इण्डिया कम्पनी से भुगतान को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं, नागेंद्र कुशवाहा ने बताया की सुप्रीम कोर्ट में केस माननीय जस्टिस संजीव खन्ना व जस्टिस दीपांकर दत्ता के बेंच में सुनवाई चल रही है,सहारा पक्ष के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल अपने भारी भरकम टीम के साथ केस को टाल मटोल कर डेट को बढ़ाने के चक्कर में लगे रहते हैं। विश्व भारतीय जनसेवा संस्थान के तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अखलेश कुमार श्रीवास्तव अपने टीम के साथ केस देख रहे हैं, सहारा,सेवी केस 2012 से चल रहा है जिसको लेकर सहारा
इण्डिया इंडिया एक गलत तथ्य प्रस्तुत किया की कम्पनी के विरुद्ध कोर्ट में रोक लगी है की हम अपना प्रॉपर्टी बेच नही सकते, ऐसी भ्रामक बातें फैलाई , जबकि 2012 मे सहारा इण्डिया के दो कंपनिया रियल एस्टेट एवम हाउसिंग बोर्ड को आदेश आया था कि आप जमाकर्ताओं को 15%इंट्रेस्ट लगा कर भुगतान कर दें, सहारा भुगतान नहीं कर के एक स्कीम क्यू शॉप में ओटो कनवर्ट कर दिया, और सुप्रीम कोर्ट को झूठा हलफनामा दीया कि हमने भुगतान कर दिया है। 3 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया की सहारा अपने प्रोपर्टी सर्किल रेट से 10% नीचे बेच कर सेवी का 10 हज़ार करोड़ भुगतान कर सकती है ।