देवघर में धूमधाम से मनाया गया नंद उत्सव एवं श्री प्रभुपाद का आविर्भाव तिथि देवघर में जसीडीह मुख्य मार्ग पर स्थित रोहिणी मोड़ के समीप दामोदर ग्राम इस्कॉन में नंद उत्सव और इस्कॉन के संस्थापक आचार्य भक्ति वेदांत स्वामी श्री प्रभुपाद का आविर्भाव तिथि बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर इस्कॉन देवघर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में इस्कॉन अनुयायियों और उनके बच्चों द्वारा भावपूर्ण नृत्य, संगीत, और विभिन्न नाटकों का मंचन किया गया, जिसमें दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस्कॉन देवघर के प्रमुख श्री श्रीनिवास गोपाल दास प्रभु ने नंद उत्सव पर व्याख्यान देते हुए कहा कि कृष्ण का जन्म अर्ध रात्रि में कंस के कारागार में हुआ था। कृष्ण जन्म के बाद उनके पिता वासुदेव ने उन्हें कंस के भय से यमुना नदी पार कर गोकुल में नंद बाबा के यहाँ छोड़ दिया था। इसीलिए कृष्ण जन्म के दूसरे दिन गोकुल में नंद उत्सव मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि भाद्रपद नवमी के दिन समस्त ब्रजमंडल में नंद उत्सव की धूम रहती है। भक्ति वेदांत स्वामी श्री प्रभुपाद भगवान कृष्ण के एक शुद्ध भक्त एवं गौड़ीय वैष्णव गुरु थे, जिन्होंने पूरे विश्व में इस्कॉन की स्थापना कर सनातन धर्म का प्रचार किया। श्री प्रभुपाद के जन्मदिन के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केक काटा गया और कीर्तन-भजन का आयोजन किया गया। इस दौरान आए हुए भक्तों के बीच प्रसाद (भोजन) का वितरण दिन के 12:30 बजे से रात के 8:30 बजे तक चलता रहा। कार्यक्रम का समापन जन्माष्टमी और नंद उत्सव के विशेष आयोजन के साथ हुआ। इस अवसर पर इस्कॉन देवघर के प्रमुख श्री श्रीनिवास गोपाल दास जी ने सभी देवघर नगरवासियों और आसपास से आए भक्तों का हृदय से आभार व्यक्त किया।