रानीगंज में भाजपा-तृणमूल हिंसा, बंद का असर

रानीगंज में भाजपा-तृणमूल हिंसा, बंद का असर

राज्य में विपक्षी भाजपा ने मंगलवार को राज्य सचिवालय नवान्न तक छात्र समाज के मार्च में भाग लेने वालों पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है। जिसको लेकर राज्य भर में तृणमूल और भाजपा आमने-सामने हैं।हर जगह दोनों गुटों के बीच झड़प की खबरें पाई जा रही है। वही भाजपा द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान रानीगंज बाजार में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। जहां भाजपा समर्थकों ने रानीगंज बाजार के व्यापारियों को दुकाने बंद रखने की अपील की,जबकि दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नेताओं के साथ व्यापारियों से दुकाने खोलने का आग्रह किया। इस घटना के कारण दोनों दलों के समर्थकों के बीच रानीगंज बाजार में तीखी झड़प हो गई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसके बाद स्थिति सामान्य हो सकी। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि इस झड़प में उनके कई समर्थकों पर हमला किया गया।

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें खोलीं और तृणमूल कार्यकर्ताओं ने किसी पर कोई हमला नहीं किया। स्थिति अब नियंत्रण में है,और पुलिस ने क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है।वही कुल मिलाकर बुधवार को रानीगंज में बंद तनावपूर्ण रहा, भाजपा नेतृत्व के कहने पर कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं, लेकिन रानीगंज तृणमूल ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश यादव और रानीगंज बोरो चेयरमैन मोजम्मेल शहजादा के आश्वासन के बाद कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोलीं, लेकिन इस दिन रानीगंज मे करीब 80 फीसदी दुकानें बंद रहीं. पुलिस प्रशासन की पहल पर कुछ बसें चलीं, लेकिन अधिकांश बसें बंद रहीं। जिस कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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