समस्तीपुर के अस्पताल में बिजली चली जाने के बाद मरीज का इलाज मोबाइल टॉर्च से करने की घटना वाकई चौंकाने वाली है। जेनरेटर भी खराब हो गया था, जिससे मेडिकल सुविधाओं में गंभीर कमी आ गई। ऐसे हालात में इलाज के लिए टॉर्च की रौशनी का इस्तेमाल करना अस्पताल की व्यवस्थाओं की कमजोरियों को उजागर करता है। इस तरह के मामलों से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित होता है। बिहार के समस्तीपुर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है।
मोहनपुर थाना क्षेत्र के एक युवक को करंट लगने के बाद बेहतर इलाज के लिए पटोरी अनुमंडलीय अस्पताल से सदर अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान अस्पताल में बिजली चली गई, और जेनरेटर भी काम नहीं कर रहा था। इसके परिणामस्वरूप, इमरजेंसी वार्ड का ऑपरेशन थिएटर अंधेरे में डूब गया। इस स्थिति में, अस्पताल के चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों ने मरीज का इलाज मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में किया। इस असामान्य स्थिति के बारे में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नागमणि ने बताया कि बारिश के कारण बिजली के तार में समस्या आ गई थी, जिसे ठीक करने में कुछ समय लगा। यह घटना अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है।