विभाजन विभीषिका दोहराई नही जानी चाहिए। जी हां हमारा 15 अगस्त, सन 1947 में आजाद तो हो गया लेकिन आजादी के साथ साथ जो विभाजन विभीषिका हमे झेलनी पड़ी उससे समस्त मानवता कराह उठी ऐसी घटना दुबारा न हो ऐसी उम्मीद के साथ बैंक ऑफ इंडिया प्रति वर्ष 14 अगस्त को बैंक परिसर में ही पुराने तस्वीरों का प्रदर्शनी लगाकर न सिर्फ उन जख्मों को याद करते हैं बल्कि ऐसा जख्म दुबारा न मिले ऐसा संदेश देते हैं
क्योंकि आज भले ही मनुष्य वैज्ञानिक युग में रह रहे हो हम चांद पर पहुंच चुके हैं लेकिन कुछ लोगो की मानसिकता 1947 जैसी ही है वर्तमान में बंगला देश में जो कुछ भी हो रहा है भला उससे बड़ा उदाहरण और क्या चाहिए इस लिए अतीत की घटना से यदि हैं सबक नहीं लिया तो हमारा ज्ञानी होना तरक्की करना सब व्यर्थ है । प्रस्तुत है सहयोगी गोबिंद के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद के बैंक ऑफ इंडिया से।