स्नातक अब चार साल का होगा, मिलेगी स्नातक शोध की डिग्री
अब तक विद्यार्थी एक या दो साल स्नातक की पढ़ाई करने के बाद आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते थे तो उनका उतना समय बर्बाद हो जाता था। अब ऐसा नहीं होगा। मान लीजिए, विद्यार्थी ने स्नातक में एक साल किया और आगे नहीं पढ़ा तो उसे सर्टिफिकेट ऑफ बैचलर मिलेगा।
दो साल पूर्ण होने के बाद पढ़ाई छूटने पर डिप्लोमा इन बैचलर मिलेगा। तीन वर्ष की पढ़ाई पूरी होने के बाद पढ़ाई छोड़ने पर पहले की ही तरह स्नातक उपाधि मिलेगी। उसके बाद वह परास्नातक कर सकता है।
स्नातक चौथे वर्ष में प्रवेश सिर्फ उन्हें ही मिलेगा, जिनका कुल ग्रेड प्वाइंट 7.5 सीजीपीए होगा। चार वर्ष का स्नातक कोर्स पूर्ण होने पर स्नातक शोध की उपाधि मिलेगी।
स्नातक शोध करने वाले विद्यार्थी परास्नातक करना चाहते हैं तो एक साल में ही उन्हें परास्नातक की डिग्री मिल जाएगी।
तीन वर्षीय स्नातक कोर्स करने के बाद परास्नातक में दाखिला लेने वाले विद्यार्थी भी एक साल पूर्ण होने के बाद पढ़ाई छोड़ते हैं तो उन्हें डिप्लोमा इन पीजी मिलेगा। परास्नातक के बाद शोध के लिए छह महीने का कोर्सवर्क करने के बाद भी पढ़ाई छूट गई तो डिप्लोमा इन रिसर्च का प्रमाण पत्र मिलेगा