राजद नेता अजीत कुमार सिंह ने जिला मुख्यालय भभुआ में आयोजित जिलापदाधिकारी के साथ बैठक के बाद निकलते ही राज्य सरकार पर जमकर साधा निशाना और किसानों के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि सिंचाई प्रबंधन और बिजली व्यवस्था पर एनडीए सरकार पूरी तरह से विफल है। कैमूर प्रशासन और जिला के पदाधिकारियों द्वारा इस बात को स्वीकार भी किया गया जैसे की मुसाखांड बांध से हमे 300 क्यूसेक पानी प्राप्त होना है। उत्तर प्रदेश सरकार से हुए अनुब्ध के आधार पर लेकिन प्राप्त हो रहा है मात्र 105 क्यूसेक वो भी सीमावर्ती इलाके तक सही से नही पहुंच पा रहा किसानों को पानी। जिला में एनडीए के तीन विधायक हैं दो विधानपरिषद सदस्य है जिनमे दो को मंत्री पद प्राप्त है लेकिन उनके कार्यों को देखिए तो वो शून्य है हिस्सेदारी नगण्य है हमारे हिस्से का पानी जो गर्रा चौबे नहर में मिलना चाहिए वो पानी भी हमे प्राप्त नही हो पा रहा है। ये समस्या केवल कैमूर की नही बल्कि सोन बराज से जितने भी जिले में पानी जा रहा है वहा भी पर्याप्त पानी नही मिल रहा है। बाण सागर रिहान नगर से हमारा जो सहमति है पानी को लेकर के उस हिस्सेदारी को ले पाने में जिला प्रशासन और राज्य की सरकार और उसके सहयोगी विफल है। जबकि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार में भाजपा और भाजपा सहयोगी दल की सरकार है उसके बावजूद हिस्सेदारी न मिलना बिहार के साथ हकमारी चल रहा है। जिसके वजह से कैमूर सहित सोन से प्रभावित कई जिले के किसानों के साथ ये जदयू भाजपा की सरकार न्याय करने में विफल है। जिसका खामियाजा किसान भुगत रहे है। किसान हितैषी होने का ढोंग कर रही है वर्तमान सरकार इसी संदर्भ में मैं आपको एक और समस्या से अवगत करा दूं की गर्रा चौबे नहर में जो नीचे की तरफ से पानी आता है उसमें दो ही मोटर के द्वारा जल प्रवाहित किया जा रहा है जबकि दो मोटर बंद पड़े हैं क्योंकि वहां का एक ट्रांसफार्मर जला है ट्रांसफार्मर जले हुए दो-तीन महीने हो गए इस बात को सिंचाई विभाग बिजली विभाग दोनों जानते हैं लेकिन अभी तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। इसे सरकार की असफलता मानी जाए या विभाग की
ख़ामियाजा तो किसान भुगत रहे है। उनकी सिचाई प्रभावित है आज मेरे द्वारा आवाज उठाने के बाद इस बैठक में बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा यह आश्वासन दिया गया कि एक हफ्ते के अंदर वह ट्रांसफार्मर बनवाने का काम करेंगे। ये सरकार मुद्दा विहीन है इन्हे जनसमस्याओं से कोई लेना देना नही है किसानों की सिंचाई और बिजली प्रबंध की समस्या इतनी जटिल हो चुकी है कि इस बार की उपज पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जिले के दो मंत्री बस हूटर बजाकर जनता को सूचना देते हैं कि मैं जिले में प्रवेश कर चुका हूं लेकिन उनके द्वारा क्या काम किया जा रहा है इसकी जानकारी किसी को नहीं है। एक पूर्व विधायक हैं जिन्हें क्यूसेक और मेगावाट में फर्क तक नहीं पता हाल में इन्होंने प्रेस कांफ्रेंस किया उसमे इन्हे ये नहीं समझ आया कि कमांड एरिया और बेसिन एरिया क्या होता है जानकारी विहीन व्यक्ति जनता का नेतृत्व कैसे करेंगे । जिला का प्रासाशनिक व्यवस्था एकदम चरमरा गया है किसानों की समस्याओं को कोई सुनने वाला अधिकारी भी नहीं है जो समस्या के तह तक जाए और उसका समाधान करे। वहीं जिले में दिन प्रतिदिन कानून व्यवस्था बिगड़ते जा रही है पुलिस प्रशासन बस वसूली करने में लगा हुआ है लेकिन सीरियस क्राइम पर उसका ध्यान नहीं है उन्हें बस पकड़ना है तो शराब तस्करों को मुख्यालय के सामने से किसी की बाइक चोरी हो जा रही है तो कभी कचहरी के सामने से कोई मोटरसाइकिल उठा कर ले जा रहा है अस्पताल से पत्रकारों की मोटरसाइकिल चोरी हो रही है किसानों के पशुओं की चोरी हो रही गांव घरों में आपका सामान सुरक्षित नही है यहां तक की जिले में नशे का अवैध कारोबार और मानव तस्करी का भी धंधा फल फूल रहा है। लेकिन पुलिस व प्रशासन का इस पर कोई नजर नहीं है उसे बस पकड़ना है तो शराब तस्करों को इसके लिए जगह-जगह पर खड़े होकर ये लोग नाकाबंदी तो करते हैं लेकिन उसमें भी पूरी तरीके से सफलता प्राप्त करने मे विफल है।