वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी, जो 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी। सभी की निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या सीतारमण मध्यम वर्ग को बहुप्रतीक्षित कर राहत प्रदान करती हैं, जिससे उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा, क्योंकि कर में उछाल है।
सीतारमण से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं लोग इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक, सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।