राजकीय श्रावणी मेला, 2024 के अवसर पर देवतुल्य श्रद्धालुओं की सुविधा व बेहतर अनुभूति प्रदान करने के उद्देश्य से आज उपायुक्त ने शिवलोक परिसर में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा भव्य त्रिलोक दर्शन जीवंत प्रदर्शनी का शुभारंभ फीता काटकर किया गया। इस दौरान उपायुक्त ने प्रदर्शनी में बने कलाकृतियों, बाबा मंदिर का दिव्य प्रारूप, झारखंड के सांस्कृतिक रंगरूप के अलावा त्रिलोक का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं व स्थानीय लोग आकाश, पाताल लोक के साथ-साथ पृथ्वी लोक का एक साथ दर्शन हेतु बनाये गए जीवंत विभिन्न कलाकृतियों व कलाकारों के कार्यों की सराहना की।
इसके अलावे उपायुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा की राज्य सरकार के दिशा निर्देश में जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि शिवलोक परिसर में श्रद्धालुओं को एक नई अनुभूति के साथ किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। जहाँ श्रद्धालुओं व स्थानीय लोगो के लिए बाबाधाम के इतिहास से संबंधित प्रदर्शनी के साथ-साथ संध्या बेला भक्तिमय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि स्थानीय लोगों के साथ बाहर से आने वाले देवतुल्य श्रद्धालुओं को एक अच्छी और सुखद अनुभूति प्राप्त हो।
शिवलोक परिसर में प्रकृति से प्रेम भाव को दर्शाते हुए झारखंड से प्रकृति पर्व की महत्ता को बताने का प्रयास किया है। साथ ही शिवलोक के मध्य में होगा बैद्यनाथ मंदिर का दिव्य प्रारूप बनाया गया है। आगे झारखंड में मनाये जाने वाले कर्मा, सरहुल, बंधना, बट सावित्री पूजा जैसे पर्व-त्योहार के स्टॉल लगाये गए हैं। इसके अलावा शिवलोक के मुख्य मंच के पीछे दीवार पर श्रद्धालुओं को समुद्र मंथन का दृश्य देखने के अलावा समुद्र में मंथन के पश्चात अपार द्रव्य, संपत्ति, देवी आदि भगवान नारायण ने देवराज इंद्र को खोया हुआ उनका एरावत हाथी, सप्त ऋषियों को अनुरोध कर उन्हें कामधेनु गाय आदि का प्रारूप बनाया गया हैं।