आपको बता दे की प्रदेश स्तर पर शिशु बाल मृत्यु के पन्ना जिले के आंकडो ने जिले के अंदर चल रही करोड़ रुपये की शिशु बाल मृत्यु को रोकने की योजना की हाकित को सामने रख दिया है वही सरकार के शिशु बाल मृत्यु की संख्या कम करने के दावों की भी पोल खोल दिहे लेकिन फिर भी स्वस्थ सिस्टम में कोई सुधार नही हो रहा है सरकार के द्वारा पानी की तरहा पैसा खर्च किया जा रहा लेकिन पन्ना जिले के अंदर 2 महीने के अंदर 93 बच्चों की मौत सरकार और पन्ना जिले कि स्वास्थ्य विभाग
की कार्यप्रणाली पर तीखे सवाल खड़े कर रही है कि आखिरी जमीनी स्तर का स्वस्थ हमला किस तरहा का काम कर रहा है जन्म लिए हुए शिशुओं की मॉनिटरिंग ओर जांच के बाद उचित इलाज क्यों नही हो रहा है निमोनिया, पीलिया ओर डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों का इलाज क्यों नही हो पा रहा है जिस कारण से मौत के आंकड़े बड़ रहे है। लेकिन सरकार में बैठे जिम्मेदार सिर्फ रिपोर्ट तलब कर अपनी जिम्मेदारी की औपचरिकता निभा रहे है वही पन्ना जिले से आये आंकडो में सब से अधिक बच्चों की मौत देवेंद्रनगर-पन्ना में हुई है जो ओर भी चिंता पैदा करती है