दिलजीन दोसांझ ने बताया, ‘जब मुझे पहली बार जट्ट एंड जूलिएट के लिए कॉल आया, मुझे प्रोडूसर दर्शन ग्रेवाल से दिक्कत थी. तो मैं उनके ऑफिस गया था फिल्म को ना कहने. लेकिन जब मैं उनके ऑफिस गया तो उन्होंने मेरे हाथों में ब्लैंक चेक थमा दिया और अपना मनचाहा अमाउंट उसमें भरने को कहा. मैंने कभी ये सोचा भी नहीं था. तो मैं अपने मैनेजर से इस बारे में बात करने के लिए बाहर गया. हमने फैसला किया कि हम फिल्म को ना नहीं कर सकते. हमने रिसर्च की कि इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा चार्ज कौन करता है. वो गुरदास मान सर थे.
मैंने फैसला किया कि मैं भी वही अमाउंट डालूंगा. हमने उन्हें टीडीएस के साथ अमाउंट बताया. दर्शन ने हमें उस फीस में 1 लाख रुपये और जोड़ने के लिए कहा.
आगे दिलजीत ने बताया कि कैसे फिल्म की शूटिंग शुरू होने पर प्रोड्यूसर के फंड खत्म होने लगे तो, एक और प्रोड्यूसर आया. तीन-चार बार फिल्म को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. उन्होंने ये भी कहा, ‘अगर दर्शन ग्रेवाल नहीं होते तो ये फिल्म कभी भी नहीं बनती. फिल्म हिट होने के बाद भी दर्शन मेरे पास ब्लैंक चेक ले कर आए और उन्होंने मुझे अपना मनचाहा अमाउंट भरने के लिए कहा था. दर्शन ही वो इंसान हैं जिन्होंने इस इंडस्ट्री में मेरा स्टैंडर्ड सेट किया था.