ये झरिया की समस्या है प्यारे किसी भी नेता के बस की बात नहीं।

ये झरिया की समस्या है प्यारे किसी भी नेता के बस की बात नहीं।

ये झरिया की समस्या है प्यारे, किसी भी नेता के बस की बात नहीं। जी हां झरिया जो कि एक ऐतिहासिक सहर है लगता है इतिहास के पन्नों में ही रह जायेगा समस्या अगर एक हो तो कही जाए अनेक समस्याएं हैं चाहे सड़क की हो या नाली की,प्रदूषण की हो या अतिक्रमण की बिजली की हो या ट्रैफिक की लॉटरी का धंधा हो या सट्टेबाजी की, दुर्घटनाओं की हो या रंगदारी की गिनाते और गिनते थक जायेंगे

लोग लेकिन झरिया की समस्याओं का कोई अंत नहीं क्या सत्ता पक्ष क्या विपक्ष क्या प्रशासन क्या नगरनिगम ऐसा लगता है या तो सभी ने कान में तेल डाल रखी हो या आंखो पर पट्टी बांध लिया हो कतरास मोड से शिमला बहाल जाने वाले रास्ते पर कोयला लदी हाईवा ने न जाने कितनी जाने ले ली है फिर भी 24 घंटे इसी रोड से हाईवा का परिचालन जारी है रास्ते में कई स्कूले हैं फिर भी ट्रैफिक की भी कोई व्यवस्था नहीं है बेचारे झरिया के लोग घुट घुट कर मरने को मजबूर हैं चुनाव आते हैं प्रतिनिधि न जाने किस मुंह से वोट मांगने जाते हैं प्रस्तुत है सहयोगी प्रभात पांडे की यह रिपोर्ट झरिया से

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *