जन जागरूकता व जन सहयोग से मलेरिया की रोकथाम संभव है। मलेरिया की रोकथाम एवं उसके बचाव के लिए अपने आसपास पानी को जमा न होने दें। जमे हुए पानी में कीटनाशक, जला हुआ मोबिल, केरोसिन तेल डालें। जिससे मच्छर प्रजनन न कर सके। पानी की टंकी को ढक कर रखें। फ्रिज, कूलर, फूलदानी व अन्य बर्तनों का पानी सप्ताह में एक दिन अवश्य सुखा लें। घरों के अंदर कीटनाशक का छिड़काव करें एवं मच्छरदानी का प्रयोग करें। उपरोक्त बातें सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन ने विश्व मलेरिया दिवस को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं। उन्होंने कहा कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। छोटे बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं में इस रोग के प्रति प्रतिकार क्षमता अत्यंत कम होती है। इसके कारण माता मृत्यु, मृत शिशुओं का जन्म, नवजात शिशुओं का वजन अत्यधिक कम होना एक प्रमुख समस्या है। इसे रोकने के लिए गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व मलेरिया की जांच अनिवार्य की गई है। उन्होंने बताया कि ठंड के साथ बुखार आना, उल्टी होना या उल्टी जैसा लगना, शरीर में ऐठन एवं दर्द, सिर दर्द, चक्कर आना तथा थोड़ी देर में पसीने के साथ बुखार आना मलेरिया के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेना हितकारक है। कहा कि मलेरिया की जांच एवं उपचार की सुविधा प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र एवं स्वास्थ्य कर्मियों (सहिया, एम.पी.डब्लू., ए.एन.एम.) के पास निःशुल्क उपलब्ध है। गम्भीर मलेरिया के रोगियों की जांच एवं पूर्ण उपचार की सुविधा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सदर अस्पताल एवं एसएनएमएमसीएच में उपलब्ध है। सिविल सर्जन ने बताया कि 25 अप्रैल, विश्व मलेरिया दिवस के अवसर, सुबह 9:30 बजे सदर सीएचसी से सिविल सर्जन कार्यालय तक जन जागरूकता रैली निकाली जाएगी। इसमें सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाहन कर मलेरिया को नियंत्रित व रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। पत्रकार वार्ता में सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन, जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ सुनिल कुमार, जिला मलेरिया सलाहकार श्री रमेश कुमार सिंह, मलेरिया इंस्पेक्टर श्री उत्तम कुमार सिन्हा, सदर अस्पताल के डॉ राजीव कुमार मौजूद थे। प्रस्तुत है सहयोगी प्रभात पांडे के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद के सिविल सर्जन कार्यालय से
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