आसनसोल लोकसभा सीट से भाजपा उमीदवार सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया ने आसनसोल के शीतला स्थित भाजपा जिला पार्टी कार्यालय में एक प्रेस वार्ता किया। इस मौके पर उनके साथ जिला अध्यक्ष बप्पा चटर्जी,कुल्टी के विधायक डॉक्टर अजय पोद्दार सहित भाजपा जिला नेतृत्व उपस्थित थे। इस मौके पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया कहा कि यह उनके लिए बहुत खुशनसीब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमित शाह और जेपी नड्डा ने उनको उनकी जन्मभूमि आसनसोल से लोकसभा का उमीदवार बनाया है उन्होंने कहा कि उनका जन्म जेके नगर में हुआ यहां उनकी पैदाइश हुई प्राथमिक शिक्षा के बाद उन्होंने आसनसोल के स्कूल और कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की इसके बाद दार्जिलिंग के सांसद बने उन्होंने कहा कि एक समय था जब उत्तर बंगाल में भाजपा का कोई अस्तित्व नहीं था लेकिन उस समय दार्जिलिंग की जनता ने उनको आशीर्वाद दिया। उसके बाद वर्धमान दुर्गापुर लोकसभा सीट से सांसद बनाकर उनको जनता का आशीर्वाद मिला अब वह अपने घर आसनसोल आए हैं और उनको पूरी उम्मीद है कि यहां की जनता का आशीर्वाद भी उनको मिलेगा। उन्होंने कहा कि आज उन्होंने मां घागर बुड़ी मंदिर में पूजा अर्चना की इसके बाद वह बैसाखी के अवसर पर कुल्टी जाएंगे और रानीगंज में श्याम मंदिर में भी पूजा अर्चना करेंगे सभी का आशीर्वाद लेने के उपरांत को जनसंपर्क पर निकलेंगे और आसनसोल लोकसभा केंद्र के सभी सातों विधानसभा केंद्र में जाएंगे और लोगों से मिलेंगे और आने वाले चुनाव में भाजपा के समर्थन में मतदान करने का अनुरोध करेंगे हाल ही में बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर एक सिख आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहने का आरोप लगाया गया था उन्होंने कहा कि कोई बेवकूफ ही होगा जो इस तरह का आरोप लगा सकता है क्योंकि किसी भी सिख को खालिस्तानी नहीं कहा जा सकता उन्होंने शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बिना कहा कि वह नहीं मान सकते कि वह इस तरह की गलती करेंगे वही सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया ने कहा कि जिस सिख अधिकारी के खिलाफ इस तरह के बयान देने की बात सामने आई थी उसे अधिकारी ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन मीडिया में अटकलें लगाई जा रही थी कि किसने यह बात कही उसे सिख अधिकारी ने एक बार कहा था कि वह कानून का सहारा लेंगे लेकिन उन्होंने आईपीएस एसोसिएशन के कहने पर यह कदम नहीं उठाया इसी से पता चलता है कि यह आरोप कितना बेबुनियाद था।
सुरेंद्र सिंह अहलूवालिया ने कहा कि वह जेके नगर के रहने वाले हैं उनका बचपन जेके नगर आसनसोल में बीता है इसलिए वह जानते हैं कि यहां पर पहले जो कारखाने थे वह किसकी वजह से बंद हुए हैं उन्होंने कहा कि यह कहना कि जेके नगर कारखाना उनकी वजह से बंद हुआ है यह बचकाना बयान है क्योंकि जब जेके नगर बंद हुआ था तब वह कॉलेज में छात्र राजनीति से जुड़े हुए थे और उनकी इतनी हैसियत नहीं थी कि वह कारखाना बंद करवा दें उन्होंने साफ कहा कि यह कारखाना दिवंगत हाराधन राय की वजह से बंद हुआ था और आसनसोल तथा आसपास के इलाकों में जितने भी कल कारखाने अच्छे वह वामपंथियों की वजह से बंद हुए। वही 1998 में भी वह यहां से चुनाव लड़े थे वह शहर की वजह के विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि तब वह कांग्रेस से लड़े थे और कांग्रेस तब दो फाड़ में बंट गई थी इसलिए कुछ भी कहने से पहले यह समझ लेना अति आवश्यक है कि उसे बयान की पृष्ठभूमि क्या है उन्होंने साफ कहा कि यह लोकतंत्र है और यहां पर अंतिम फैसला जनता लेती है एजेंडा जनता तय करती है और वह किसी पर अपना एजेंडा थोप नहीं सकते।