अ से अरुण, अ से अर्चना. दोनों ‘अ’ में जमुई के मतदाताओं की पसंद कौन होगा? चिराग पासवान के गढ़ को उनके बहनोई व एनडीए की ओर से लोजपा (आर) प्रत्याशी अरुण कुमार भारती बचा पायेंगे या फिर इंडिया गठबंधन की ओर से राजद प्रत्याशी अर्चना कुमारी जीत का परचम लहरायेंगी? जमुई की स्थानीय होने का लाभ अर्चना रविदास को मिलेगा या फिर पीएम मोदी की विकास की गारंटी और सीएम नीतीश कुमार के विकास व सुशासन पर जमुई की जनता मुहर लगायेगी? ऐसे सवालों के बीच जमुई लोकसभा क्षेत्र में दोनों प्रत्याशियों की ओर से धुआंधार जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. इस लोकसभा क्षेत्र पर सभी दलों के बड़े नेताओं की नजर है. एक तरह से बिहार में सत्ता व विपक्ष के बीच प्रतिष्ठा बन चुकी जमुई लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार प्रदेश के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव अपने-अपने उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं और दोनों गठबंधनों से अन्य कई नेताओं की चुनावी सभाएं होनी हैं. शीर्ष नेताओं की सक्रियता से बेशक जमुई पूरे बिहार की हॉट सीटों में शामिल हो चुका है, लेकिन मतदाताओं की खामोशी से प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की धड़कन बढ़ी हुई है. लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को जमुई लोकसभा क्षेत्र में मतदान होना है.
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जमुई – अरुण भारती बचा पायेंगे एनडीए का गढ़ या अर्चना को मिलेगा स्थानीय होने का लाभ…
