चुनाव आयोग के एक निर्देश ने 60 साल के रामचंद्र की जिंदगी ही बदल दी. रामचंद्र के गांव के लोग उस वक्त दंग रह गए, जब देखा कि उपायुक्त समेत कई वरीय पदाधिकारी गांव में आए हैं. रामचंद्र और उनका परिवार भी हक्का-बक्का था. मामला पलामू जिले के मेदिनीनगर का है. कोयल नदी के किनारे आजाद नगर में 60 साल के रामचंद्र राम अपने परिवार के साथ रहते हैं. मंगलवार को डीसी समेत कई वरीय पदाधिकारी उनके घर पहुंचे, तो पूरा परिवार दंग रह गया. रामचंद्र और उनके परिवार के सदस्यों को कुछ समझ नहीं आ रहा था. इस बात का यकीन भी नहीं हो रहा था कि जिले के सबसे बड़े अधिकारी उपायुक्त खुद उनके घर आए हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सूचना मिली थी की पलामू के रहने वाले रामचंद्र राम जन्म से दृष्टिहीन हैं. उनको अब तक किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला. यहां तक कि उनका वोटर और आधार कार्ड भी नहीं बना है. वोटर कार्ड नहीं बना है, इसलिए आज तक उन्होंने वोट नहीं किया. झारखंड के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर को जब यह सूचना मिली, तो उन्होंने तत्काल इसका संज्ञान लिया. पलामू के डीसी, जो अभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी भी हैं, को इस मामले की जांच कर उसका निदान करने का निर्देश दिया
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