बैंक से कर्ज लेकर किसी ने मकान बनवाया तो किसी ने कार खरीद ली। किसी ने अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेकर खूब खर्च किया, लेकिन अब चुका नहीं रहे हैं। झांसी में 54 हजार लोग ऐसे सामने आए हैं। यह लोग बैंकों का सात अरब से ज्यादा दबाए बैठे हैं। लगातार प्रयास करने के बाद रकम वापस न लौटने पर बैंकों ने यह राशि एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट्स) में डाल दी है। बैंकों द्वारा लोगों को घर बनाने से लेकर घर चलाने तक के लिए ऋण दिया जाता है। लोग अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने लिए भी कर्ज लेते हैं।
खेतीबाड़ी से लेकर सरकारी योजनाओं के पात्रों को भी बैंकों से ऋण दिया जाता है। जिले में अब तक बैंकों ने लोगों को 104 अरब 21 करोड़ रुपये बतौर ऋण दिए हुए हैं। लेकिन, इस रकम में से बैंकों के सात अरब पच्चीस करोड़ 38 लाख रुपये बट्टे खाते में चले गए हैं। झांसी के 54,156 लोग बैंकों से लिया गया यह ऋण लौटा नहीं रहे हैं। कई प्रयासों के बाद भी ऋण की अदायगी न होने पर बैंकों ने अपनी इस रकम को एनपीए में डाल दिया है।