प्रदेश में सरकार द्वारा चिकित्सा को लेकर चलाई जा रही सारी योजनाएं धरी रह गईं जब सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किए जाने से एक गर्भवती को अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। इस असंवेदनशील हरकत के लिए चिकित्सा विभाग ने तीन डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया आधिकारिक जानकारी के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि मामला सामने आने के बाद विभाग ने तत्काल प्रभाव से एक जांच समिति गठित करके समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए,
कांवटिया अस्पताल के तीन रेजिडेंट डॉक्टरों – कुसुम सैनी, नेहा राजावत और मनोज को गंभीर लापरवाही और असंवेदनशीलता के चलते गुरुवार को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही इस मामले में पर्यवेक्षी लापरवाही के लिए कांवटिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र सिंह तंवर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।