शांभवी के पिता अशोक चौधरी जेडीयू नेता हैं और नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री हैं. शांभवी को समस्तीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने उम्मीदवार बनाया है. पिता जेडीयू से नीतीश सरकार में मंत्री और बेटी चिराग पासवान की पार्टी की लोकसभा उम्मीदवार. चिराग और नीतीश कुमार दोनों ही बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा हैं. लेकिन 2021 में पार्टी तोड़कर चिराग से अलग हो जाने के कारण प्रिंस इस बार टिकट नहीं पा सके. शांभवी चौधरी को जब टिकट मिला तो वह ख़ुशी से दौड़ती हुई आईं और अपने पिता से गले लगकर रोने लगीं. अशोक चौधरी ने अपनी बेटी से पूछा- “तुम रो क्यों रही हो. ये तो तुम्हारा ड्रीम था. तुम्हारा ड्रीम पूरा हो रहा है. “ अशोक चौधरी और शांभवी का यह वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हुआ. शांभवी बिहार की उन चंद लड़कियों में से हैं, जिनके पिता ड्रीम पूरा करने की हैसियत रखते हैं. जेडीयू में आने से पहले अशोक चौधरी कांग्रेस में थे. वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. लेकिन बिहार कांग्रेस में कोई नेता लंबे समय तक टिकता नहीं है, अशोक चौधरी भी नहीं टिके. अशोक चौधरी बिहार के प्रमुख दलित नेता हैं, लेकिन उन्होंने जातीय बंधन तोड़ा भी है. अशोक चौधरी ने जाति से बाहर शादी की और उनकी बेटी शांभवी ने भी ऐसा ही किया. शांभवी की शादी बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल से हुई है. सायण कुणाल भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं.