कोलकाता – पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को लुभाकर क्या चुनावी जोखिम ले रहीं ममता बनर्जी?

कोलकाता – पश्चिम बंगाल में मुसलमानों को लुभाकर क्या चुनावी जोखिम ले रहीं ममता बनर्जी?

ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने ‘एकला चलो रे’ का नारा अपनाया है. टीएमसी ने ना तो कांग्रेस और ना ही लेफ्ट के साथ गठबंधन किया है. टीएमसी पश्चिम बंगाल की सभी 42 सीटों पर अकेले लड़ने का फैसला किया है. इसके पीछे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि टीएमसी नहीं चाहती थी कि मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में वह कांग्रेस और लेफ्ट के साथ गठबंधन करे. जिसका परिणाम ये ना हो कि मुस्लिम वोट खिसककर कहीं लेफ्ट और कांग्रेस की तरफ चला जाए. टीएमसी इस रणनीति पर काम कर रही है कि मुस्लिम उसके समर्थन में एकमुश्त रहे. पिछले कुछ सालों में मुस्लिम वोटर्स को अपने पक्ष में लाने के लिए पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार ने तमाम लोक-लुभावन का काम किए. इसमें मुस्लिमों को तमाम तरह की रियायतें देना शामिल है. टीएमसी सरकार ने मुस्लिम धर्मगुरुओं का भत्ता बढ़ाया. इसके अलावा स्टेट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में एक्सट्रा कोटा दिया. इसके लिए अलावा तमाम प्राइवेट मदरसों में रिकग्नाइज करने का वादा किया.

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