स्क्रिप्ट । रानीगंज के तिरात स्थित दामोदर नदी से बालु निकासी के कारण दामोदर नदी का पानी दूषित हो रहा इलाके मे भारी जल संकट के साथ क्षेत्र की सड़के जर्जर हो रही है। आसनसोल सिलपंचल कुछ नदियों के पानी के सहारे ही यहां के लोग अपना जीवन व्यतीत करते है,इन नदियों से अपनी प्यास बुझाता है, जिसमें सबसे प्रमुख नदी दामोदरर है दामोदर नदी से ही आसनसोल नगर निगम ,दुर्गापुर नगर निगम या सरकार के पीएचई विभाग ज्यादातर पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन अब देखा जा रहा है की नदियों में पानी का स्तर कम होता जा रहा है, जिसका सबसे बड़ा जीता जाता उदाहरण नदी बालू तस्करी है ,सरकारी नियम के हिसाब से नदियों को सफाई करने का कार्य किया जा रहा है ,इस बीच में कानून को अंगूठा दिखाकर बालू तस्कर बालू तस्करी का धंधा पुरा पुरी फल फूल रहा है ,जिसके कारण नदियों का पानी का जो बहाव है वह काम होता जा रहा है , नदियों का बहाव रुक जा रहा है, जिससे नदियों में प्रदूषण फैल रहा है, नदियों से बालु निकाल लेने के विषय पर जानेमाने डॉक्टर कल्याण बैनर्जी ने कहा की जिस तरह से नदियों से बालु निकाल लिया जा रहा है आने वाले दिनों में आसनसोल शिल्पांचल में पानी का गहरा संकट आने वाला है, इस पर कई स्थानिय लोगों का भी कहना है नदियों से बालू को निकाल लिया जा रहा है जिससे पानी की बड़ी समस्या आने वाले इस शिल्पांचल में बड़ सकती है, दामोदर नदी के किनारे सट्टा गांव तिराट गांव यहीं पर तिराट बालू घाट चलता है , बड़ी बड़ी जेसीबी मशीनों द्वारा यहां से बालु उठाने का कार्य हों रहा,जहां पर सैकड़ो की संख्या में रोज ट्रको के जरीए नदी से बालू निकल जाती है , इस विषय पर तिराट ग्राम पंचायत के प्रधान शिवदास चैटर्ज ने कहा लगातार प्रशासन को इस विषय में हम लोगों ने बार-बार लिखित शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जिस तरह से बालू उत्खनन किया जा रहा है बहुत ही जल्दी इस क्षेत्र में पानी की समस्या पैदा हो जाएगी, बालू निकासी का जो कार्य है वह अवैध तरीके से ही चल रहा है , हम लोगों ने कई बार इसका आंदोलन किया इसके साथ-साथ बड़े-बड़े वाहन के जरिए दामोदर तिराट घाट से बालू का उठाव चल रहा है, जल्द ही क्षेत्र में पानी की समस्या आ जाएगी,आने वाले दिनों में आ जाएगी, दूसरा सबसे बड़ा और एक कारण है कि यहां पर इस क्षेत्र में जो बालू निकासी हो रही है , वह कच्ची सड़क के जरिए हाईवे पर जाती है , हमारे गांव के क्षेत्र में जब बालू की निकासी होती है तो बड़े-बड़े वाहन के जरिए सड़कों पर जाती है जैसे कारण सड़कों की खस्ता हाल हो जाती है। तिराट गांव के रहने वाले जितेन हालदार ने आरोप लगाया कि पहले नदियों में जिस तरह से पानी का स्तर रहता था उससे काफी कम हो चुका है , पहले से पानी प्रदूषण भी हो चुका है, इसकी सबसे बड़ी वजह है की नदियों से बालू की निकासी हो रही है , नदियों से बालू निकालते निकालते नदियों की दुर्दशा खराब हो चुकी है, हम गांव वाले लोग ज्यादातर नदी के पानी के ऊपर ही निर्भर करते हैं , लेकिन अभी जिस तरह से बालू की निकासी चोरी हो रही है आने वाले दिनों में हम लोगों को इस क्षेत्र में पानी के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। तिराट इलाके की रहने वाली सुखमणि ने कहा कि हम लोगों को पानी के लिए काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है , इतनी बड़ी गांव के पास सटी नदी है फिर भी पानी में दिक्कत होती है, पहले नदियों का पानी हम लोग व्यवहार करते थे लेकिन अब पानी का स्तर भी काम हो चुका है और इसके साथ-साथ नदियों का पानी भी दूषित हो रहा है और यहां पर बालू भी उठा लिया जा रहा है जिसके कारण हम लोगों को कई तरह के समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जो सड़क है वह पूरा पूरी टूट चुकी है बड़े-बड़े वाहन चलते हैं जिससे हम लोगों को सड़क पर चलना या हमारे स्कूल के बच्चे जब पढ़ने जाते हैं स्कूल में उनका काफी दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है ।
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