आठ अप्रैल को लगने जा रहा साल पहला सूर्यग्रहण भले ही भारत से नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन इसरो के आदित्य एल 1 को ग्रहण के दौरान कोरोना का अध्ययन करने का खास मौका मिलेगा। जिस कारण यह अद्भुत खगोलीय घटना इसरो के लिए खास मानी जा रही है। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के निदेशक व आदित्य एल 1 साइंस ग्रुप कमेटी व आउटरीच विभाग के सह अध्यक्ष प्रो. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि साल का लगने जा रहा पहला पूर्ण सूर्यग्रहण इस बार कई मायनों में खास होगा। आदित्य एल 1 को इस दौरान सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने का प्राकृतिक मौका मिलेगा। जिसे पृथ्वी से देखे जाने वाले ग्रहण के साथ मिलान किया जाएगा।
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