मोहनियां नगर पंचायत में घालमेल के खेल को लेकर पार्षदों व ईओ में ठन गई है। शनिवार को मुख्य पार्षद हाशमती देवी तथा कार्यपालक पदाधिकारी सुधांशु कुमार टेंडर में गड़बड़झाला को लेकर आमने-सामने हैं। मुख्य पार्षद ने जहां ईओ को पत्र लिखकर स्टैंड की बंदोबस्ती तत्काल रोककर फिर से कराने का निर्देश दिया वहीं उनके प्रतिनिधि इंद्रजीत राम ने कार्यपालक पदाधिकारी पर मनमानी व भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अपने बयान का वीडियो जारी किया, जिसमें मुख्य पार्षद भी उनके बगल में आपके चैंबर में दिख रही हैं। हालांकि इस आरोप को कार्यपालक पदाधिकारी ने बेबुनियाद बताया है। बताया जाता है कि शनिवार को शहर के दो टैक्सी स्टैंडों और व्ययी बाजार के लिए टेंडर होने वाला था। मुख्य पार्षद के अनुसार इस टेंडर में उनको नहीं बुलाया गया। जबकि कार्यपालक पदाधिकारी का कहना है कि उनको बुलाया जा रहा था लेकिन वह नहीं आई। मुख्य पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी का बयान परस्पर विरोधाभाषी होने के कारण लोग किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। कार्यपालक पदाधिकारी का कहना है कि रामगढ़ रोड डड़वा के लिए टैक्सी स्टैंड के टेंडर में तीन लोग शामिल हुए। जिसमे अनिल कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह पंकज और निरंजन कुमार सिंह थे। जिसमें सबसे अधिक बोली साठ लाख 61 हजार लगाने वाले अनिल कुमार सिंह को टेंडर दिया गया। स्टेशन परिसर स्थित बस स्टैंड के लिए पांच लोग टेंडर में शामिल हुए। इसमें अनिल कुमार सिंह, अशोक कुमार, विशाल कुमार, पीयूष कुमार तथा अजय कुमार पंकज शामिल थे। इस दौरान सबसे अधिक तीन लाख तेरह हजार पांच सौ की बोली लगाने वाले अशोक कुमार सिंह को टेंडर दिया गया। रामगढ़ रोड डड़वा के टेंडर के लिए पांच लाख 98 हज़ार रुपए से बोली शुरू हुई जबकि स्टेशन परिसर स्टैंड के लिए तीन लाख नौ हजार पांच सौ से शुरूआत हुई। व्ययी बाजार के टेंडर में किसी ने भाग नही लिया जिसका टेंडर चुनाव बाद निकला जायेगा। मुख्य पार्षद प्रतिनिधि इंद्रजीत राम का कहना है कि वे डीएम सावन कुमार के पास जाकर पूरे मामले की जानकारी दी है और कैमूर डीएम श्याम कुमार से न्याय की गुहार लगाई है। अगर सुनवाई और कार्रवाई नहीं हुई तो उनके पास मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पास जाने का विकल्प खुला हुआ है।
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