देश को अगर बनाना है महान तो नारी को देना होगा सम्मान। ये कहना है काव्यत्री सुधा मिश्रा का, जो स्वयं एक महिला होने के साथ साथ प्रोफेसर,काव्यत्रि,समाजसेविका, और पर्यावरण संरक्षण के लिए लगातार संघर्ष कर रही हैं। कहते हैं एक महिला दूसरे किसी कामयाब महिला को देखकर ईर्ष्या करती है लेकिन सुधा मिश्रा ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर स्वयं महिलाओं को सम्मानित करते हुए इस बात को झूठा साबित कर दिया है : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पर्यावरण मित्र संयोजिका कवयित्री सुधा राजस्वी मिश्रा एवं विप्र समाज की प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट सुधा मिश्रा ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए नारी सशक्तिकरण का सशक्त उदाहरण उपायुक्त माधवी मिश्रा को उनके साहस एवं कर्तव्य निष्ठा के लिए किया सम्मानित किया। : इसी कड़ी को आगे बढ़ते हुए समाज की एक और प्रेरणा स्वरूप महिला जो लाखों महिलाओं के लिए एक उदाहरण है डॉ आदया पांडे वरीय मुख्य चिकित्सा को किया सम्मानित उन्होंने अपने संदेश में कहा कि महिलाओं को स्वयं आगे आना होगा अपने हक के लिए पढ़ना होगा और अपने सपनों को पूरा कर सशक्त बना होगा तभी जाकर समाज एवं देश का हिट हो सकता है और महिलाओं का कल्याण होगा कवित्री सुधा राजश्री मिश्रा ने कहा कि तुमने ही अपने अस्तित्व पर उठाए कई सवाल है दे दो जवाब सारे अगर मुक्ति का ख्याल है अगर मुक्ति का ख्याल है , एडवोकेट सुधा मिश्रा ने कहा कि आज महिलाओं को हर मोर्चे पर डटकर खड़े रहने की जरूरत है ताकि क्राईम तक की नौबत ही ना आए महिला सशक्त होगी तो आधी समस्याएं यूं ही समाप्त हो जाएंगे प्रस्तुत है सहयोगी अनुराग के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद से
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