एनटीपीसी के केरेडारी कोल माइंस के उपर पांडू गांव के आगर टोला निवासी सुखदेव राणा और उनकी पत्नी ने बगैर बिस्थापन के घर ढहाने का आरोप लगाया है! इस संदर्भ में भुगत भोगी पीड़ित परिवार ने मीडिया को बताया कि 27 फरवरी को एनटीपीसी के केरेडारी कोल माइंस के अधिकारी कंपनी के अधीनस्थ कार्य कर रहे पुलिस बल को लेकर आए और घर के महिलाओं को जबरन गाडी में बैठाकर पांडू गांव के इर्द गिर्द घुमाते रहे! वहीं गृह स्वामी सुखदेव राणा को स्थानीय थाना में तब तक बिठाकर रखा जब तक घर पूरी तरह से ध्वस्त ना हो जाए! घर पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने के बाद घर की महिलाओं को पांडू गांव के माइंस के नजदीक छोड़ दिया गया और सुखदेव राणा को छोड़ दिया गया! जब हमलोग अपना घर पहुंचे तो देखा कि मेरा पक्का मकान पूरी तरह से नेस्ता नबुद एनटीपीसी द्वारा कर दिया गया है! घर ध्वस्त करने के दौरान घर खाली करने का भी मौका हमलोग को नही दिया गया जिस कारण लाखो की संपति घर के मलबे में दब गया! मुझे लाखो रुपए की आर्थिक क्षति दी गई है! मेरे पास घर परिवार को रखने के लिए छत नहीं है! मेरा परिवार पूरी तरह से ठंड में खुले आसमान में रह रहा है! जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री से मांग करते हैं कि हमे बिस्थापान दिलाई जाय अन्यथा हम सभी परिवार के लोग सामूहिक आत्म हत्या करने पर४ विवश होंगे जिसकी पूरी जिम्मेवारी एनटीपीसी के डी और माइनिंग कंपनी बीजीआर प्रबंधन को होगी! उपरोक्त घटना क्रम पर एनटीपीसी केरेडारी कोल माइंस के एजीएम एसपी गुप्ता ने मीडिया को बताया कि लोग अधिगृहित क्षेत्र में घर बना कर रह रहे हैं! जबकि रैयतों का दावा है कि कई दशक से लोग वहां निवास कर रहे हैं!
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